Move to Jagran APP

2G, 3G, 4G या 5G... आपके इलाके में कौन-सी सर्विस, कंपनी को खुद देनी होगी जानकारी

TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की हैं। अब जियो एयरटेल और वोडाफोन समेत सभी कंपनियों को अपनी वेबसाइट और ऐप पर मैप के जरिये बताना होगा कि वह किस इलाके में कौन-सी सर्विस प्रदान कर रहे हैं। साथ ही सर्विस की क्वालिटी भी बतानी होगी। इससे यूजर्स को अपने लिए सही सर्विस चुनने में मदद मिलेगी।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Updated: Mon, 25 Nov 2024 01:26 PM (IST)
Hero Image
नेटवर्क उपलब्धता को लेकर ट्राई के नए नियम
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने यूजर्स को मिलने वाली सर्विस में ट्रांसपेरेंसी रखने के मकसद से सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट या ऐप पर भूस्थनिक कवरेज मानचित्र रखने का निर्देश दिया है। Airtel, Jio और Vodafone समेत सभी कंपनियों को अब मैप के जरिये स्पष्ट करना होगा कि वह किस इलाके में कौन-सा नेटवर्क उपलब्ध करवा रही हैं।

आसान होगा नेटवर्क पता करना

इससे यूजर्स को नया सिम खरीदते वक्त परेशानी नहीं होगी। वह बेहतर सर्विस होने के हिसाब से किसी भी कंपनी का सिम कार्ड खरीद पाएंगे। ट्राई के इस इनिशिएटिव का मकसद यूजर्स को नेटवर्क कवरेज के बारे में किसी भी स्पेसिफिक एरिया को लेकर डिटेल में जानकारी देना है। मोबाइल टेलीकॉम ऑपरेटर्स को अब साफ बताना होगा कि किस लोकेशन पर कौन-सा नेटवर्क है और उसकी क्वालिटी कैसी है।

वेबसाइट या ऐप पर मिलेगी जानकारी

TRAI ने साफतौर पर कहा कि अब सभी कंपनियों को अपनी वेबसाइट और ऐप पर मैप के जरिये क्लियर कवरेज के बारे में जानकारी देना अनिवार्य है। ये मैप उन क्षेत्रों को दिखाएंगे, जहां अनेकों टेक्नोलॉजी के लिए वायरलेस वॉयस और ब्रॉडबैंड सर्विस मौजूद हैं। कंपनियों को नेटवर्क और सिग्नल की स्ट्रेंथ के बारे में कलर के जरिये जानकारी देनी होगी।

नई गाइडलाइन्स के अनुसार, ऑपरेटर्स को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि यूजर्स को मैप कवरेज पर पहुंचने में ज्यादा दिक्कत न हो। टेलीकॉम कंपनियों को अपनी वेबसाइट के होमपेज पर ही वन क्लिक एक्सेस शुरू करना होगा, जिससे यूजर्स सीधे मैप पर पहुंच पाएं।

रियल डेटा और एक्यूरेसी जरूरी

रेगुलेटरी बॉडी ने कवरेज मैप के लिए कुछ स्टैंडर्ड भी सेट किए हैं। जिसमें बताया गया है कि कम से कम सिग्नल स्ट्रेंथ कितनी होनी चाहिए। साथ ही गाइडलाइन्स में स्पष्ट किया गया है कि मैप रियल डेटा और एक्यूरेसी के साथ होना चाहिए। याद दिला दें, ट्राई की ये गाइडलाइन्स इसी साल अक्टूबर में लागू हुए टेलीकॉम नियमों का हिस्सा हैं। ट्राई इन नियमों को क्वालिटी ऑफ सर्विस (QoS) के मकसद से लेकर आई थी।

बड़ी समस्या का होगा समाधान

संस्था ने अपने निर्देश में इस बात पर जोर दिया कि सर्विस की क्वालिटी असल कवरेज उपलब्धता से मेल खानी चाहिए। ट्राई की इस कोशिश का उद्देश्य भारत में ग्राहकों की एक बड़ी समस्या का सॉल्यूशन निकालना है। वर्तमान में ग्राहकों के लिए अपने इलाके में सर्विस की उपलब्धता और नेटवर्क के बारे में पता करने का कोई तरीका नहीं है।

यह भी पढ़ें- 108MP कैमरा, 8GB रैम और 256GB स्टोरेज वाले फोन पर डिस्काउंट, डील में बचेंगे हजारों रुपये