कंगना रनौत को राष्ट्रद्रोह के आरोप में नोटिस जारी, कोर्ट ने पेश होने के दिए आदेश; पढ़ें पूरा मामला
कंगना रनौत के खिलाफ राष्ट्रद्रोह के आरोप में नोटिस जारी हो गया है। उन्हें 28 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से या अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा। यदि वह निश्चित तिथि पर उपस्थित नहीं होती हैं तो मामले में आगे सुनवाई हो जाएगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने सितंबर महीने में वाद दायर कराया था।
जागरण संवाददाता, आगरा। अभिनेत्री एवं हिमाचल प्रदेश मंडी से सांसद कंगना रनौत के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह के आरोप जारी नोटिस तामील हो गया है। एमपी/एमएलए कोर्ट ने कंगना रनौत व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर या अधिवक्ता के माध्यम से 28 नवंबर को अपना पक्ष रखने के आदेश दिए थे।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में कंगना रनौत के विरुद्ध देशद्रोह व राष्ट्र अपमान की धाराओं में 11 सितंबर 2024 को वाद दायर किया था।
आरोप है कि कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को एक साक्षात्कार में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों को हत्यारा बताते हुए उनके विरुद्ध आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था।
कोर्ट ने 13 नवंबर को बहस सुनने के बाद नोटिस जारी किया था, जिसमें अभिनेत्री एवं सांसद कंगना रनौत को 28 नवंबर को व्यक्तिगत या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने अपने नोटिस में यह भी कहा है कि यदि निश्चित तिथि पर न्यायालय में उपस्थित नहीं होती हैं तो मामले में आगे सुनवाई हो जाएगी।
सिकंदरा फ्लाईओवर के लिए एएसआई से मांगी एनओसी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) मथुरा खंड ने सिकंदरा फ्लाईओवर के निर्माण के प्रस्ताव पर विशेष ध्यान दे रहा है। नेशनल हाईवे-19 स्थित सिकंदरा स्मारक के ठीक सामने फ्लाईओवर बनेगा। एनएचएआइ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगी है।जल्द ही उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी), नगर निगम, यातायात पुलिस से भी एनओसी ली जाएगी। इसके लिए जल्द आवेदन किया जाएगा। फ्लाईओवर 44 करोड़ रुपये से बनेगा। इससे तिराहा पर जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।
एनएचएआई मथुरा खंड और यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने सिकंदरा फ्लाईओवर को लेकर सर्वे किया था। संयुक्त टीम ने फ्लाईओवर के निर्माण की संस्तुति की है। फ्लाईओवर स्मारक के सामने से होकर बनेगा। ऐसे में सबसे पहले एएसआइ की अनुमति लेनी होगी।यूपीएमआरसी की तर्ज पर एनएचएआइ ने सबसे पहले एएसआइ से एनओसी मांगी है। यह अनुमति मिलने के तुरंत बाद यूपीएमआरसी, जलकल विभाग, बिजली विभाग, नगर निगम और यातायात पुलिस से एनओसी ली जाएगी। डेढ़ दशक पूर्व एनएचएआइ ने फ्लाईओवर के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था।
एएसआई की एनओसी न मिलने पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। पांच माह पूर्व फिर से प्रस्ताव तैयार हुआ था। अब तीसरी बार फ्लाईओवर का प्रस्ताव बना है। सिकंदरा तिराहा पर हर पल जाम की स्थिति रहती है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।फ्लाईओवर लो हाइट का बनाया जाएगा। इससे स्मारक के रिव्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा। एनएचएआइ मथुरा खंड के परियोजना निदेशक धीरज कुमार ने बताया कि सबसे पहले एएसआइ से एनओसी मांगी गई है। सर्वे पूरा हो गया है।
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