बंधक बनाकर डेढ़ माह तक बालिका से करता रहा दुष्कर्म, आठ साल बाद आरोपी को सुनाई 10 वर्ष की सजा
नौवीं कक्षा की छात्रा को बंधक बनाकर गाजियाबाद ले जाने वाले दोषी ने डेढ़ महीने तक उसके साथ दुष्कर्म किया और विरोध करने पर मारपीट की। किशोरी दोषी के काम पर जाने के बाद भाग निकली। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) अनिल कुमार की अदालत ने आरोप सिद्ध होने पर दोषी को 10 वर्ष कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। बंधक बनाकर नौंवी की छात्रा को गाजियाबाद ले जाकर दोषी डेढ़ माह तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट करता था। उसके काम पर जाने के बाद किशोरी किसी तरह वहां से भाग आयी। आरोप सिद्ध होने पर दोषी को 10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई गई। दोषी को 50 हजार रुपये जुर्माने से दंडित भी किया गया है। जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त सजा होगी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाक्सो अनिल कुमार की अदालत में पीड़िता को आठ वर्ष बाद न्याय मिला।
पीड़िता की मां की ओर से 19 अगस्त 2017 को सासनीगेट थाने में तहरीर दी गई थी। उस वक्त उसकी 15 वर्षीय बेटी 17 अगस्त 2017 को दूध लेने सासनीगेट क्षेत्र में ही दूध लेने गई थी। तभी वहीं का निवासी उसे बहला फुसलाकर अपने साथ ले गए। कुछ लोगों ने ई-रिक्शा पर उसे ले जाते हुए भी देखा था। उनके साथ आरोपी का भाई भी था।
कोल्ड ड्रिंक पिलाकर किया बेहोश
दोनों आरोपितों ने कुछ दूर जाकर बेटी को सासनीगेट क्षेत्र के अवतार नगर की एक निवासी को सौंप दिया। जिसने नाबालिग को कोल्ड ड्रिंक पिलाई, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो वह गाजियाबाद में थी। विवेचना के दौरान दोनों भाइयों के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले। जिस वजह से केवल तीसरे आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
अभियोजन पक्ष से एसपीपी ललित सिंह पुंढीर के अनुसार सत्र परीक्षण के दौरान और पीड़िता के बयान से सामने आया कि तीसरे आरोपी ने उसे बंधक बना लिया था। डेढ़ महीने तक उसे रखा और उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। विरोध करने पर किशोरी के साथ मारपीट भी करता था। एक दिन वह काम पर चला गया और फिर मौका पाकर नाबालिग वहां से भाग आयी। न्यायालय में उसके बयान होने के बाद पुलिस ने आरोपित को भी दबोच लिया। न्यायालय में साक्ष्य और गवाहों के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई।

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