'इसकी इजाजत नहीं...' जब यूपी में मुस्लिम शिक्षक ने किया ‘वंदे मातरम’ का विरोध, BSA तक पहुंच गई पूरी रिपोर्ट
अलीगढ़ के एक स्कूल में मुस्लिम शिक्षक द्वारा 'वंदे मातरम' नारे का विरोध करने पर विवाद हो गया। शिक्षक पर दूसरे शिक्षक को नारे लगवाने से रोकने और धमकी देने का आरोप है। जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया है और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिक्षा विभाग मामले की जांच कर रहा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, अलीगढ़। लोधा ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय शाहपुर कुतुब में बुधवार को प्रार्थना सभा के दौरान ‘वंदे मातरम’ व ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने का मुस्लिम शिक्षक ने विरोध किया। दूसरे शिक्षक समर्थ में आए तो आरोपित ने स्कूल मेें मुस्लिम समाज की बैठक बुलाने की धमकी दी।
कहा, स्कूल में मुस्लिम बच्चे अधिक हैं, हमारे धर्म में इसकी अनुमति नहीं है। इससे स्कूल में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। सूचना मिलने पर बीईओ व बीएसए ने भी स्कूल पहुंचकर जांच की। इसके बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया, वहीं एक शिक्षक की अोर से रोरावर थाने में आरोपित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए तहरीर दी है।
बुधवार को प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान के उपरांत सहायक अध्यापक चंद्रपाल सिंह ने बच्चों से ‘वंदे मातरम’ व ‘भारत माता की जय’ के नारे लगवाए। आरोप है कि प्रार्थना सभा के बाद सहायक शमसुल हसन ने चंद्रपाल कोे बुलाया और कहा कि इस स्कूल में यह नहीं चलेगा। चंद्रपाल ने कहा कि मुझसे क्यों कर रहे हो, प्रधानाध्यापक सुषमा रानी से कहो। शमसुल हसन ने गुस्से में धमकाया कि यह हमारे मजहब के खिलाफ है।
चंद्रपाल ने कहा कि अन्य स्कूलों में तो होता होगा, इस पर अभद्रता करते हुए कहा कि यहां मुस्लिम बच्चे हैं, मै आसपास के सभी मुसलमानों को एकत्रित करके मीटिंग में बेइज्जत कराऊंगा। यह देख प्रधानाध्यापक व अन्य स्टाफ भी वहां आ गया और वंदे मातरम का समर्थन किया।
शिक्षकों की सूचना पर बीईओ रामशंकर कुरील स्कूल पहुंचे और सभी के बयान दर्ज किए। प्रधानाध्यापक ने कहा कि शमसुल द्वारा राष्ट्रगान व वंदे मातरम बुलवाने पर आपत्ति करते हैं। मुस्लिम शिक्षिका सबीहा साबिर व अन्य स्टाफ ने भी वंतेमातरम को लेकर बहस होने की पुष्टि की। बीईओ ने बीएसए डा. राकेश कुमार सिंह को अवगत कराया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए बीएसए दोपहर लगभग 12 बजे स्कूल पहुंचे और शिक्षकों से पूछताछ की।
आरोपित शिक्षक बोले, पहली बार लगवाया गया नारा
समशुल ने बताया कि अपने लिखित बयान में अधिकारियों को बताया कि चंद्रपाल सिंह ने प्रार्थना, राष्ट्रीय गान व भारत माता की जय के नारे लगाने के बाद वंदे मातरम के नारे लगवाए। वंदे मातरम को पहली बार असेंबली में लगाया गया। असेंबली के उपरांत मैंने केवल प्यार के लहजे में वंदे मातरम का नारा न लगवाने को कहा, जिस पर वह गर्म हो गए और अभद्रता, फटकार लगाने लगे। बोले कि तू है कौन मुझे समझाने वाला।
धार्मिक भावनाअों को पहुंचाई ठेस: बीएसए
बीएसए ने बताया कि आरोेपित के लिखित बयान से स्पष्ट है कि ‘भारत माता की जय’ व ‘वंदे मातरम’ के नारे का उन्होंने विरोध किया, जो शिक्षक आचरण नियमावली का घोर उल्लंघन व अनुशासनहीनता है। शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर समस्त स्कूलों में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर वर्षयंत कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षक ने धार्मिक भावनाओं को भी ठीक पहुंचाई है। इसके लिए उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में वह गंगीरी ब्लाक के उच्च प्राथमिक विद्यालय राजगहीला से संबद्ध रहेंगे। देररात शिक्षक चंद्रपाल की अोर से आरोपित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए थाना रोरावर में तहरीर दी, हालांकि वह काफी डरे हुए नजर आए।
खैर बीईओ को जांच, जारी होगा आरोप पत्र
बीएसए ने शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है। प्रकरण की विस्तृत जांच के लिए खैर के बीईओ सुबोध कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्हें निर्देश दिए हैं कि निलंबित अध्यापक को समयान्तर्गत आरोप पत्र जारी कर रिपोर्ट व संस्तुति शीघ्र उपलब्ध कराएं। डीएम व सीडीअो को भी मामले से अवगत करा दिया है।

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