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    हाइवे किनारे पड़ा था लाल बक्सा, लोगों ने तुरंत बुलाई पुल‍िस; खोलकर देखा तो तक‍िया और चादर के नीचे...

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 07:52 PM (IST)

    बरेली में एक आठ साल के बच्चे की हत्या कर दी गई। उसकी बांई आंख निकालकर शव को दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर फेंक दिया गया। पुलिस को आशंका है कि हत्या तंत्र-विद्य ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, बरेली। आठ वर्ष के बच्चे की हत्या कर उसकी बांई आंख को धारदार हथियार से काटकर निकाल लिया गया। किसी को पता न चले इसलिए एक लोहे के बक्से में उसका शव भरकर दिल्ली लखनऊ हाईवे पर नकटिया नदी के किनारे फेंक दिया। शव को छिपाने के लिए बक्से के अंदर तकिया, चादर से साथ बच्चों के खाने के कुरकुरे, चिप्स, टाफी, चूरन समेत तमाम पुराना सामान भरा गया था।

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    पुलिस को आशंका है कि बच्चे की हत्या किसी तंत्र विद्या के लिए की गई और आधी रात के बाद शव यहां लाकर फेंका गया। अभी तक उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। मामले में ग्राम प्रधान के शिकायती पत्र पर प्राथमिकी भी पंजीकृत कर ली गई है। उसकी हत्या कैसे की गई इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी।

    मंगलवार सुबह कुम्हरा गांव के प्रधान अजीत सिंह ने इज्जतनगर पुलिस को सूचना दी कि हाईवे पर नकटिया नदी के नीचे एक लाल रंग का लोहे का बक्सा पड़ा हुआ है। उसमें किसी बच्चे का शव है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बक्सा खोलकर देखा तो नारंगी रंग की टीशर्ट और काले रंग के लोअर में एक बालक का शव था। उसकी उम्र करीब आठ वर्ष के आस-पास थी। उसे तकिया और लाल रंग की गर्म चादर से ढका गया था।

    शव के ऊपर कुरकुरे, टाफी, चूरन, चिप्स जैसे बच्चों के खाने के कई सामान डाल दिए गए थे। पुलिस ने स्थानीय लोगों से पता किया लेकिन कोई भी उसे पहचानता नहीं था। चूंकि, बक्सा हाईवे से चंद कदम नीचे ही नदी के पास पड़ा था। इसलिए आशंका जताई जा रही है कि, उसे सड़क के ऊपर से ही धक्का देकर नीचे गिराया गया होगा, लेकिन उसमें वजन होने की वजह से वह नदी के अंदर तक नहीं जा सका। बक्से के अंदर रखा तकिया और चादर पर भी खून लगा था।

    जब बच्चे को देखा तो पता चला कि उसकी बांई आंख काटकर निकाली गई थी। इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि उसकी बेरहमी से हत्या की गई। जिंदा पर आंख निकालना संभव नहीं था, इसलिए आशंका है कि पहले उसकी हत्या की गई होगी और बाद में आंख को काटकर निकाला गया होगा।

    हत्यारे ने उस आंख को क्यों निकाला इस बारे में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता। हालांकि, प्रथम दृष्टिया पुलिस तंत्र विद्या के चक्कर में हत्या का अनुमान लगा रही है। पुलिस ने उसकी शिनाख्त का काफी प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक उसकी पहचान नहीं हो सकी।

    इज्जतनगर इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह ने बताया कि आसपास के लोगों के साथ ही आस-पास के थानों में भी बच्चे की फोटो भेजी है। यदि किसी भी थाने में उसकी गुमशुदगी पंजीकृत हुई होगी तो उसकी शिनाख्त हो सकती है।



    बरेली के ही किसी गांव का है बच्चा, तमाम साक्ष्य कर रहे इशारा

    बच्चे का शव बरेली जिले या किसी आस-पास के जिले के होने का ही अनुमान है। क्योंकि, इतने बड़े बक्से को लेकर कोई ज्यादा दूर से नहीं आ सकता। जिस तरह से बक्से के अंदर बच्चों के खाने के पाप्स, चूरन, खट्टी मीठी गोलियां, पचवाला, चिप्स टाफी तमाम चीजों के पैकेट थे। उन सभी पैकेट की बिक्री कीमत अधिकतम एक या दो रुपये थी इससे ज्यादा नहीं थी। इससे यह अनुमान हो गया कि यह वही सामान है जो गांव देहात के छोटे दुकानदार बेचने के लिए ले जाते हैं। साथ ही बक्से के अंदर से जो चादर और तकिया मिला वह भी काफी गंदा था।

    चादर ऐसी थी जो गांव देहात में फेरी वाले बेचकर जाते हैं चादर को देखने से लग रहा था कि वह कम से कम एक साल पुरानी होगी। बक्से के अंदर शव के ऊपर जिस तरह से कुरकुरे, पाप्स, चूरन, गोलियों के पैकेट की लड़ियां रखी गई थी। आशंका है वह इसलिए रखी गई होंगी ताकि रास्ते में यदि कोई रोककर पूछे तो बता दिया जाए कि उसमें दुकान का सामान लेकर जा रहे हैं। चूंकि, सभी माल एक्सपायरी था इसलिए यह कहना भी गलत नहीं होगा कि शव फेंकने वाला किसी गांव में परचूनी की दुकान चलाता है और उसने ही पुराना माल बक्से में भरा था।

    अन्यथा सामान्य व्यक्ति के पास इतना एक्सपायरी माल नहीं हो सकता। बच्चा बरेली के ही किसी गांव का है यह सबसे अहम इसलिए है क्योंकि, कार में शव लाने के लिए उसे इतना ढकने की जरूरत नहीं थी। उसे इतना इसलिए ढका गया क्योंकि उसे किसी बाइक या ई-रिक्शा आदि से लाया गया होगा। इसलिए डर था कि कोई उसे खुलवाकर चेक न कर ले। ऐसे में अब पुलिस को किसी बाइक या ई-रिक्शा में बक्से वाले व्यक्ति की तलाश की जारूरत है।



    बक्से से मिले खाने के सामान में दो चीजें बरेली में बनती है


    पुलिस को बक्से से बच्चों के खाने के कुरकुरे, पाप्स, चूरन, गोलियों के पैकेट की लड़ियां रखी मिली थी। जब इनकी मैन्यूफैक्चरिंग देखी गई तो पता चला कि तमाम चीजें ऐसी थी जो हाथरस, रुड़ी और दिल्ली की कंपनियों में बनी थी। उसमें से दो चीजें डाली वाह-वाह चूरन बरेली के मारवाड़ी गंज की जेएम केएम मैन्यूफैक्चिरिंग में बनता है और मोटी भाभी आल इन वन मीठी गोलियां बांके बिहारी फूड प्रोडक्शन बन्नू वाल कालोनी में बनती है। इससे यह संभावना प्रबल हो गई कि बच्चा बरेली के ही किसी गांव का है।


    दिल्ली रोड की तरफ किसी गांव का है बच्चा


    जिस स्थान पर रात में बच्चे का फेंका गया आरोपित उस स्थान को बेहतर ढंग से जानता था। उसे पता था कि वहां आस-पास में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। ऐसा वही कर सकता है जिसे पहले से रास्ते की जानकारी हो। सबसे अहम बात जिस भी व्यक्ति ने शव वहां फेंका वह दिल्ली की तरफ से आया था। क्योंकि रांग साइड में ई-रिक्शा या बाइक को खड़ा करके बक्से को फेंकना आसान नहीं था और जो बक्सा मिला है वह दिल्ली से लखनऊ की साइड में मिला है। इससे एक बात को कंफर्म हो गई कि बच्चा दिल्ली की तरफ किसी गांव का रहने वाला था।

    घटना के अनावरण के लिए गठित की गई चार टीम


    घटना की जानकारी होने के बाद एसपी सिटी मानुष पारीक भी मौके पर पहुंचे गए। उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया। लोगों से पूछताछ भी की, लेकिन कोई भी उसे पहचानता नहीं था। एसपी सिटी ने बताया कि घटना के अनावरण के लिए एसएसपी अनुराग आर्य ने चार टीमों का गठन किया है। यह टीमें जल्द ही पूरी घटना का अनावरण करेंगी।



    दिल्ली लखनऊ हाइवे पर इज्जतनगर थाना क्षेत्र के नकटिया नदी के पास एक बक्से में बच्चे का शव मिला है। अभी तक उसकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। शिनाख्त के लिए चार टीमों का गठन किया गया है। जल्द ही घटना का अनावरण किया जाएगा।- मानुष पारीक, एसपी सिटी।