गाजियाबाद की सोसायटी में कृत्रिम बारिश की पहल शुरू, लोगों को प्रदूषित हवा से मिली राहत
गाजियाबाद की एक सोसायटी ने कृत्रिम बारिश का आयोजन करके प्रदूषण से राहत पाने की पहल की है। इस प्रयास से सोसायटी के निवासियों को प्रदूषित हवा से निजात मिली और वातावरण में सुधार हुआ। कृत्रिम बारिश का मुख्य उद्देश्य वातावरण को शुद्ध करना था।
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राजनगर एक्सटेंशन स्थित ब्रेव हार्ट्स सोसायटी में हो रही कृत्रम वर्षा। फोटो- वीडियो ग्रैब
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की ब्रेव हार्ट्स सोसायटी की एओए द्वारा पर्यावरण प्रदूषण में सुधार के लिए कृत्रिम वर्षा की पहल शुरू की। एओए द्वारा सोसायटी के टावर की सबसे ऊपरी मंजिल से पाइप के द्वारा सोसायटी में छिड़काव किया। ऊपर से पानी की बूंदी पड़ीं तो सोसायटी परिसर की धूल नीचे दब गई। जिससे लोगों को प्रदूषित हवा से मुक्ति मिल सकी।
एओए अध्यक्ष एडवोकेट लविश त्यागी का काहना है कि कृत्रिम वर्षा का उद्देश्य उड़ती धूल कम करना, पेड़ों की सफाई व वायु गुणवत्ता में सुधार, स्वच्छ, ताजा और स्वास्थ्यकर वातावरण सोसायटी के लोगों को देना था।
पानी की बूंदें ऊंचाई से गिराने से वह धूल को नीचे बैठा देती हैं। जिससे प्रदूषण हवा में सुधार होता है। विश्वास है कि इस पहल से सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। सोसायटियों में सप्ताह में एक दो दिन कुछ देर के लिए कृत्रिम वर्षा की जाए प्रदूषण में काफी सुधार देखने को मिल सकता है।
किराया बढ़ने पर कम्युनिटी हॉल पर लगाया ताला
विंडसर पैराडाइज-2 के कम्युनिटी हॉल का किराया बढ़ने पर सोसायटी के लोगों ने ताला लगा दिया। लोगों का कहना है कि कई बार अनुरोध के बावजूद बिल्डर किराया कम करने को तैयार नहीं है। कम्युनिटी हाल का किराया बाकी सोसायटियों की तुलना में करीब आठ गुना है। जबकी उतनी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं।
लोगों ने बताया कि कम्युनिटी हाल का एक दिन का किराया 25,960 रुपये है, जो आसपास की सोसायटियों की तुलना में लगभग आठ गुना से अधिक है। जबकी हाल का आकार छोटा है और सुविधाएं भी सीमित हैं, फिर भी इतना शुल्क लिया जा रहा है।
ऐसे में अधिक किराए के कारण वे अपने पारिवारिक या सामाजिक कार्यक्रम हाल में आयोजित नहीं कर पा रहे। बिल्डर को इस संबंध में की बार पत्र लिखे गए, लेकिन शुल्क कम नहीं किया गया। ऐसे में सोसायटी के लोगों ने हाल का ताला बंद कर किराया घटाकर 21 सौ रुपये करने की मांग की।

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