Ghaziabad News: जीएसटी दफ्तर में अर्धनग्न होकर धरने पर बैठा कारोबारी, अब अधिकारियों ने दर्ज कराया केस
गाजियाबाद में सरकारी अधिकारी पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए एक व्यापारी ने कार्यालय में कपड़े उतारकर धरना दिया। उसने अधिकारियों पर परेशान करने का आरोप लगाया। राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव ने व्यापारी अक्षय जैन पर सरकार की छवि धूमिल करने और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। अवैध वसूली का आरोप लगाकर अधिकारी के सामने कार्यालय में व्यापारी द्वारा कपड़े उतारने और धरना देने के मामले में राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव ने कोतवाली में तहरीर दी है। उन्होंने व्यापारी अक्षय जैन पर सरकार की छवि को धूमिल करने और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने थाने में तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त अंतरिक्ष श्रीवास्तव ने पुलिस को बताया कि राज्य कर, सचल दल इकाई सात की टीम के साथ वह नियमित रोड चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान अक्षय जैन के वाहन को जांच के लिए रोका गया था। वाहन का ई-वे बिल एक्सपायर हो चुका था। वाहन को जांच के लिए मोहन नगर स्थित राज्य कर विभाग के सचल दल कार्यालय लाया गया।
अक्षय जैन ने सभी कमियों को नकार दिया
फर्म मालिक अक्षय जैन अपने रिश्तेदार राकेश कुमार जैन और गाजियाबाद लोहा व्यापार मंडल के अध्यक्ष अतुल सहित 20-30 व्यापारियों के साथ वाहन के संबंध में पूछताछ करने उनके कार्यालय आए थे। इसके बाद सभी कमियों के बारे में व्यापारियों को बताया गया। अक्षय जैन ने सभी कमियों को नकार दिया। वह किसी भी जांच के बिना वाहन को छोड़ने के लिए कहने लगे।
वाहन छोड़ने के लिए दबाव बनाने का आरोप
कार्यालय में अधिकारियों सहायक आयुक्त दुर्गेश कुमार त्रिपाठी, राज्य कर अधिकारी अनिल रोहतगी आदि अधिकारियों पर वाहन छोड़ने का दबाव बनाने का प्रयास करने लगे। ऊंची आवाज में स्टाफ का उत्पीड़न किया गया। अचानक अपने वस्त्र उतारकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। व्यापारी का उत्पीड़न करने की बात कहते हुए वह फर्श पर बैठ गए और जोर-जोर से बोलते हुए कार्यालय की व्यवस्था को बिगाड़ दिया।
सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश का आरोप
उन्होंने अन्य किसी व्यक्ति को अंदर नहीं आने दिया गया। सरकारी कार्य में बाधा डाली। सरकारी अधिकारी से अभद्र व्यवहार किया गया। घटना का वीडियो बनाकर उसे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश उपाध्याय ने बताया कि तहरीर मिलने पर जांच की जा रही है।