यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग करने वालों पर केस दर्ज, पुलिस और खुफिया की लापरवाही से मंदिर तक पहुंची भीड़
गाजियाबाद शहर में किसी बात को लेकर माहौल गर्म होता है तो पुलिस और एलआइयू की जिम्मेदारी बढ़ जाती है और कोई भी अप्रिय घटना न घटे इसके लिए योजना बनाकर काम करती है। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के बयान पर कुछ दिनों से शहर का माहौल ठीक नहीं है। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के बयान का विरोध करते हुए गिरफ्तारी की मांग करने वालों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। शुक्रवार को पुलिस ऑफिस पर आजाद समाज पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। दूसरी ओर, यति की सुरक्षा को लेकर हिंदूवादी संगठन आज सोमवार पुलिस आयुक्त से मिलेंगे।
शुक्रवार को आजाद समाज पार्टी नेता सतपाल चौधरी के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिस ऑफिस पर प्रदर्शन करते हुए यति पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की थी।
दो दिन बाद रविवार देर रात कचहरी चौकी प्रभारी की शिकायत पर कविनगर थाने में सतपाल चौधरी, कपिल आजाद, गुलजार सिद्दीकी, मनोज कुमार जाटव, विनय बौद्ध और अफजल अंसारी समेत 50-60 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जनपद में यति के बयान के बाद से चल रहे घटनाक्रम में यह नौवीं एफआईआर है।
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पुलिस की लापरवाही से भीड़ मंदिर के बाहर तक पहुंची
जब यति नरसिंहानंद ने विवादित बयान दिया उसके बाद तीन दिन तक न तो पुलिस ने और न ही एलआइयू ने कोई मुस्तैदी दिखाई। शुक्रवार रात डासना के दुधिया पीपल इलाके में हजारों की भीड़ एकत्र होकर मंदिर की तरफ चल देती है, लेकिन पुलिस भीड़ को रास्ते में नहीं रोक पाती।
पुलिस के पास भीड़ एकत्र होने की जानकारी समय से होती तो भीड़ मंदिर तक पहुंच ही नहीं पाती। इसे पुलिस और खुफिया की नाकामी माना जा रहा है। यदि समय रहते मंदिर की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी सूझबूझ का परिचय नहीं देते तो हालात बिगड़ भी सकते थे।
बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं नरसिंहानंद
डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। कट्टर हिंदूवादी छवि के कारण मंदिर की सुरक्षा में बीते कुछ वर्षों से पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है।
29 सितंबर को हिंदी भवन में हुए एक कार्यक्रम में यति नरसिंहानंद के एक बयान के बाद से तनाव बना हुआ है। पुलिस और खुफिया विभाग स्थिति को भांप नहीं पाए और शुक्रवार को हजारों की भीड़ मंदिर तक पहुंच गई। भीड़ मंदिर के गेट तक आ गयी थी, लेकिन पुलिस कुछ लोगों द्वारा हंगामा करने का ही दावा करती रही।
मंदिर की सुरक्षा सख्त, 13 आरोपित दबोचे
शुक्रवार रात उग्र भीड़ के मंदिर तक पहुंचने के बाद से मंदिर की सुरक्षा सख्त कर दी गई है। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा 29 सितंबर को हिंदी भवन में दिए गए एक बयान के बाद से बवाल मचा हुआ है। शुक्रवार रात मंदिर पर डासना की तरफ से आई उग्र भीड़ मंदिर की तरफ पैदल मार्च कर मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंच गई थी।
सूचना पर पहुंचे भारी पुलिस बल ने भीड़ को हटने के लिए कहा तो पुलिस पर ही पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को मौके से हटाया था। घटना के बाद से मंदिर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिसकर्मी मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र देखकर ही प्रवेश की इजाजत दे रही है। श्रद्धालुओं का नाम, पता और मोबाइल नंबर रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। एनएच-नौ से मंदिर जाने वाले मार्ग पर दो स्थानों पर बैरिकेडिंग कर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
इन आरोपितों की हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने कोतवाली इलाके से रवि गौतम, अरविंद गौतम, कपिल गौतम, अर्जुन कुमार और हाशिम को गिरफ्तार किया है। वेव सिटी थाना पुलिस ने आमिर, शहजाद, साजिद, शुएब, फरमान, महबूब, जीशान और शहजाद को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपित डासना इलाके रहने वाले हैं।
सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपितों की पहचान हो रही
पुलिस मसूरी, डासना और कैला भट्ठा इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे, प्रसारित हुए वीडियो और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों द्वारा की गई वीडियो रिकॉर्डिंग से आरोपितों की पहचान में जुटी हुई है। मामले में कई अन्य आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी।