फॉरेक्स ट्रेडिंग से मुनाफे का झांसा देकर 44 लाख ठगे, मैसेजिंग एप Arattai पर शिकार बनाकर लगाया चूना
गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक व्यक्ति को एक NRI युवती ने मैसेजिंग एप पर दोस्ती करके शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच दिया। युवती ने खुद को लंदन का बत ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। इंदिरापुरम निवासी एक व्यक्ति की मैसेजिंग एप पर युवती से दोस्ती हुई थी। युवती ने बातचीत के दौरान उन्हें बताया कि वह लंदन में रहती है और मूल रूप से बेंगलुरु की है। युवती ने स्वयं का परिचय एक आभूषण ब्रांड की मालिक के रूप में दिया। कुछ दिन की बातचीत के बाद उन्हें बताया कि वह फाॅरेक्स ट्रेडिंग करती है जिसमें उसे खूब मुनाफा होता है।
पीड़ित को ट्रेडिंग में मुनाफे के नाम पर झांसे में लेकर कई बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर कराकर 44.30 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है।
इंदिरापुरम निवासी पीड़ित राजीव दूबे ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि 14 अक्टूबर को मैसेजिंग एप अरट्टाइ पर उनकी बातचीत नव्या विश्वकर्मा नाम की युवती से हुई। करीब 10 दिन की बातचीत के बाद युवती ने उन्हें कहा कि वह फाॅरेक्स ट्रेडिंग में निवेश कर कमाई करती है। उन्हें इंटराग्लोबल लिमिटेड प्लेटफाॅर्म पर ट्रेडिंग शुरू कराई गई।
कुछ दिन की ट्रेडिंग के बाद उनके खाते में 18.50 लाख रुपये के निवेश पर 63 लाख रुपये मुनाफा समेत धनराशि दिखी। 14 नवंबर को उन्होंने अपने खाते से रुपये निकालने का प्रयास किया तो उनसे 30 प्रतिशत धनराशि टैक्स के रुप में मांगी गई। पीड़ित ने आरोपियों के बताए खाते में 10.50 लाख रुपये टांसफर भी कर दिए।
इसके बाद फिर उन्होंने जब रुपये निकालने चाहे तो उनसे 15 प्रतिशत टैक्स के रूप में करीब आठ लाख रुपये मांगे गए। पीड़ितों ने अपनी धनराशि में से ही टैक्स काटकर बाकी रकम मांगी तो उन्हें मना कर दिया गया्। मजबूरी में उन्होंने यह धनराशि भी ट्रांसफर कर दी।
इसके बाद भी उनसे अलग-अलग टैक्स के नाम पर रुपये मांगे गए। पीड़ित ने जब मना किया तो उन्हें रुपये देने से मना कर दिया गया। तब पीड़ित को अपने साथ ठगी का एहसास हुआ। परेशान होकर उन्होंने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच कराई जा रही है। जिन बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर हुए हैं उनकी भी जानकारी की जा रही है। शीघ्र आराेपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम

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