आजमगढ़, बलिया और जौनपुर की सात फर्मों ने भी गाजीपुर के दो फर्मों पर की करोड़ों की बिलिंग
आजमगढ़, बलिया और जौनपुर की सात कंपनियों ने गाजीपुर की दो कंपनियों पर करोड़ों की फर्जी बिलिंग की। जांच में पता चला कि ये कंपनियां केवल कागजों पर मौजूद ...और पढ़ें

जांच में दो और फर्मों के नाम सामने आ गए हैं।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर। झारखंड के रांची स्थित शैली ट्रेडर्स से कोडीनयुक्त कफ सीरप की भारी खेप खरीदने के बड़े खेल की जांच अभी जनपद की छह फर्मों पर दर्ज मुकदमों के साथ जारी ही थी कि अब दो और फर्मों के नाम सामने आ गए हैं।
इन दोनों फर्मों पर आजमगढ़, जौनपुर और बलिया की सात फर्मों ने इस कफ सीरप की करोड़ों की बिलिंग की है। उपायुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ का पत्र मिलने के बाद जिला औषधि निरीक्षक बृजेश मौर्या ने दोनों फर्मों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। उचित जवाब न मिलने पर जल्द ही इन पर भी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
देवकली विकासखंड के पियरी स्थित अनन्या मेडिकल को आजमगढ़ की अपोलो मेडिकल और पूर्वांचल मेडिकल ने वर्ष 2024-25 में 50 हजार बोतल कोडीन कफ सीरप की बिलिंग की है, जिसकी कीमत करीब 75 लाख रुपये बताई जा रही है।
वहीं गाजीपुर के महादेव मेडिकल एजेंसी पर भी प्रभात मेडिकल आजमगढ़, बलिया के श्रीशिवाय डिस्ट्रीब्यूटर, आनंद मेडिकल एजेंसी, औषधि केंद्र और जौनपुर की स्टार इंटरप्राइजेज ने 2024-25 और 2025-26 में भारी मात्रा में कफ सीरप की बिलिंग की है। औषधि निरीक्षक के अनुसार इन सभी फर्मों का तार रांची की शैली ट्रेडर्स से जुड़ा हुआ है, जिसे खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग लखनऊ द्वारा चिह्नित किया गया है।हालांकि अभी इसकी व्यापक स्तर पर जांच की जा रही है।
इससे पहले इन फर्मों पर हुई थी कार्रवाई
इससे पहले 24 नवंबर को स्थानीय ड्रग्स इंस्पेक्टर ने जनपद की छह फर्मों मेसर्स अंश मेडिकल एजेंसी जखनियां, शुभम फार्मा खानपुर, नित्यांश मेडिकल एजेंसी मच्छनपुर भुड़कुड़ा, राधिका मेडिकल एजेंसी नंदगंज, मौर्या मेडिकल स्टोर पीरनगर और स्वास्तिक मेडिकल एजेंसी सैदपुर के खिलाफ स्टाक, क्रय-विक्रय अभिलेख या चिकित्सकीय उपयोग से जुड़े वैध दस्तावेज न मिलने पर एनसीआरबी के तहत विस्तृत रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई है।
जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि झारखंड की मेसर्स शैली ट्रेडर्स, रांची से इन फर्मों ने हजारों बोतलों की खरीद दिखाई है, लेकिन मौके पर एक भी कफ सीरप की बोतल बरामद नहीं हुई। इसके अलावा किसी भी फर्म ने स्टाक रजिस्टर, बिल बुक, क्रय-विक्रय दस्तावेज या नारकोटिक रिकार्ड तक उपलब्ध नहीं कराया, जिससे बड़े फर्जीवाड़े की आशंका और गहरी हो गई है।
उपायुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन लखनऊ से इन दोनों फर्मों के खिलाफ पत्र आया था। जिसके आधार पर दोनों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बृजेश कुमार मौर्या, औषधि निरीक्षक

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