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भारत-नेपाल सीमा पर खतरा! 2500 जिहादी तैयार कर रहा पाकिस्तान, गोपनीय तरीके से UP के मदरसों में भी आने की आशंका

भारत-नेपाल सीमा से महज छह किलोमीटर दूर नेपालगंज में 2500 से अधिक जिहादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। पाकिस्तान और ISIS की फंडिंग से चल रहे 130 मदरसों में नेपाल के मुस्लिम युवाओं को भारत के खिलाफ उकसाया जा रहा है। यह खुफिया विभाग की रिपोर्ट से पता चला है। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां इस चुनौती से निपटने की तैयारी में जुटी हैं।

By Satish pandey Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 23 Sep 2024 12:22 AM (IST)
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तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। जागरण

सतीश पांडेय, जागरण गोरखपुर। पाकिस्तानी मौलानाओं की सरपरस्ती में बहराइच के रुपईडीहा स्थित भारतीय सीमा से छह किलोमीटर दूर नेपालगंज (नेपाल) में 2500 जिहादी तैयार किये जा रहे हैं। नेपाल के मुस्लिम युवाओं को यहां भारत के विरुद्ध उकसाया जा रहा है, जो सुरक्षा की दृष्टि से भविष्य के बड़े खतरे का संकेत है। अभिसूचना विभाग की विशेष शाखा के एसपी ने पुलिस मुख्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजी है।

पांच सितंबर 2024 को शासन ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। मामला सामने आने के बाद सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां इस चुनौती से निपटने की तैयारी में जुटी हैं।

उप्र की नेपाल सीमा संबंधी साप्ताहिक खुफिया रिपोर्ट (16 से 23 अगस्त) में बताया गया है कि नेपाल के बांके जिला स्थित नेपालगंज के फुलटेकरा मदरसे का प्रमुख मौलाना मंसूर हलवाई पाकिस्तान के कराची का रहने वाला है।

पाकिस्तान की फंडिंग से चल रहे इस मदरसे में लाहौर का रहने वाला मौलाना जियाउल हक, कराची का रहने वाला मौलाना मदनी मरकज, मौलाना अनवर खान, मौलाना अफरुद्दीन, मौलाना सादिक, मौलाना तौलिक हुसैन नेपाल के 2500 मुस्लिम युवाओं को जिहादी शिक्षा दे रहे हैं।

यह मदरसा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ व अन्य आतंकी संगठनों का अड्डा बनता जा रहा है। इसके अलावा नेपालगंज में पाकिस्तान व अन्य मुस्लिम देशों की फंडिंग से 130 मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिसके जरिये भारत-नेपाल संबंधों को बिगाड़ने की साजिश की आशंका जताई गई है।

गोपनीय तरीके से बहराइच के मदरसों में भी आने की संभावना

अभिसूचना विभाग के एसपी ने रिपोर्ट में लिखा है कि बांके जिले में कुल 130 मदरसे हैं, जिसमें नेपालगंज के छह व जैसपुर के पांच मदरसे शामिल हैं। इन मदरसों में वहाबी, आइएसआइ गतिविधियों के चलते नेपाल के जमात-ए-मिल्ली-इस्लामिया, नेपाल इस्लामिक युवा संघ, नेपाल मुस्लिम इत्तेहाद संघ, इस्लामिक संघ नेपाल जैसे मुस्लिम संगठनों के संरक्षक होने के संकेत हैं। फुलटेकरा मदरसा से मौलानाओं के रुपईडीहा के कुछ मस्जिदों में इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए आने-जाने के संकेत मिले हैं।

निगरानी के लिए पुलिस चला रही आपरेशन कवच

उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिले से नेपाल की करीब 570 किलोमीटर सीमा सटी है। दोनों देशों में आने-जाने के लिए सोनौली, खूंनवा, रुपईडीहा सीमा के अलावा 300 से अधिक पगडंडियां हैं।

आतंकी गतिविधि की निगरानी व तस्करी पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस आपरेशन कवच चला रही है। इसके तहत सीमा से सटे गांवों में ग्राम सुरक्षा समिति बनाई गई है। यह समिति सीमावर्ती क्षेत्र में होने वाली गतिविधि पर नजर रखती है। अवैध गतिविधि दिखने पर इसकी सूचना स्थानीय पुलिस के साथ ही सुरक्षा व खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को देती है।