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    कोलकाता के ठग ने नेपाल तक फैलाया जाल, निवेशकों को लगाया 15 करोड़ से अधिक का चूना

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 07:22 AM (IST)

    गोरखपुर में कोलकाता के सुकांता सुबोध बनर्जी और उसके साथियों पर व्यापारियों से करोड़ों की ठगी का आरोप है। नासा और विदेशी निवेश के नाम पर उन्होंने गोरखपुर से नेपाल तक जाल फैलाया। एक व्यापारी, सतीश चंद्र धर दूबे ने 60 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है, जिसमें पता चला है कि गिरोह ने नेपाल में भी कई लोगों को ठगा है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एक रुपये लगाइए, सौ रुपये पाइए... यही जालसाजों की वह लाइन थी जिसमें गोरखपुर से लेकर नेपाल तक के कई व्यापारी फंस गए। कोलकाता के रहने वाले सुकांता सुबोध बनर्जी उसके साथियों ने नासा, विदेशी निवेश और दुर्लभ धातुओं के व्यापार के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की है। जालसाज के पकड़े जाने पर बड़गो के रहने वाले व्यापारी सतीश चंद्र धर दूबे भी सामने आए हैं।उनका आरोप है कि इस गिरोह ने मुनाफे का झांसा देकर करीब 60 लाख रुपये ठगे हैं।

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    रामगढ़ताल थाना पुलिस को दी गई तहरीर में सतीश दूबे ने लिखा है कि उनकी जान-पहचान अमित कुमार नंदी, निवासी लक्ष्मी कटरा भलोटिया मार्केट, से थी। अमित ने ही उन्हें सुकांता सुबोध बनर्जी से मिलवाया, जो खुद को एजीस फिनकैप कंसल्टेंट्स लिमिटेड का निदेशक व प्रबंध निदेशक बताता था। दोनों ने मिलकर उन्हें दुर्लभ धातु के साथ ही विदेशी निवेश के नाम पर 100 गुणा लाभ का झांसा दिया।

    2010 से 2016 के बीच आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज, सरकारी विभागों के नाम पर कूटरचित प्रमाणपत्र, लोन स्वीकृति पत्र दिखाकर भरोसे में लिया। धीरे-धीरे दोनों ने सतीश दूबे से कई किस्तों में 60 लाख रुपये वसूले जिसमें उनकी संपत्ति भी बिक गई। पुलिस जांच में सामने आया है कि सुकांता बैनर्जी और उसका गिरोह सिर्फ गोरखपुर या लखनऊ तक सीमित नहीं है।

    गिरोह ने नेपाल के कई व्यापारियों और उद्योगपतियों को भी विदेशी निवेश परियोजना के नाम पर ठगा है। अनुमान है कि इन व्यापारियों से करीब 15 करोड़ रुपये हड़पे गए। गिरोह का मुख्य ठिकाना पहले लखनऊ था, बाद में वह कोलकाता जाकर छिप गया।

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    महिला सहयोगी के जरिए की रकम वसूली
    सतीश दूबे ने बताया कि जालसाजी होने की जानकारी मिली तो उन्होंने सुकांता से अपने रुपये वापस करने के लिए कहा। आरोपितों ने पहले टालमटोल की उसके बाद फोन नंबर बदल दिए। बाद में उनके पास धमकी भरे संदेश आने लगे। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह ने महिला सहयोगियों के बैंक खातों और यूपीआइ आइडी के जरिए रकम ट्रांसफर कराई।

    सतीश दूबे का कहना है कि गिरोह के पास इतने असली जैसे दस्तावेज थे कि कोई भी भ्रमित हो सकता था। सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि सुकांता के विरुद्ध रामगढ़ताल थाने में चौथा मुकदमा दर्ज किया गया है।सभी मुकदमों को जोड़कर ठगी नेटवर्क की जांच की जा रही है।