जाली नोट के नेपाल कनेक्शन की NIA करेगी जांच, ठूठीबारी बार्डर से भारत में करते थे तस्करी
उत्तर प्रदेश में नेपाल से ठूठीबारी के रास्ते जाली नोट भारत लाए जाने का मामला सामने आया है। 11 सितंबर को पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में खुफिया एजेंसी और स्थानीय प्रशासन को यह जानकारी मिली है। जाली नोट प्रकरण का इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने प्रमुख सचिव गृह के जरिए इसकी जानकारी एनआईए को दी है।
सतीश पांडेय, जागरण, गोरखपुर। नेपाल से ठूठीबारी के रास्ते जाली नोट भारत में लाया जा रहा है। 11 सितंबर को जाली नोट के साथ पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में खुफिया एजेंसी व स्थानीय प्रशासन को यह जानकारी मिली है।जाली नोट प्रकरण का इंटरनेशनल कनेक्शन सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने प्रमुख सचिव गृह के जरिए इसकी जानकारी एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को दी है।
मामले की छानबीन अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी अपने स्तर से करने के साथ ही यह पता लगाएगी कि नेपाल में नकली भारतीय मुद्रा की छपाई कहां हो रही है, गिरोह को कौन संचालित कर रहा है।
11 सितंबर 2024 को ठूठीबारी थाने की पुलिस ने दो युवकों को जाली नोट के साथ पकड़ा गया था। पूछताछ में उनकी पहचान सिंदुरिया के हरिहरपुर में रहने वाले रामविनोद शर्मा को गिरफ्तार किया था। इस मामले में गड़ौरा के सुरेंद्र कुमार दूबे की तलाश चल रही है जिसके विरुद्ध पहले से कई मामले दर्ज हैं।
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पुलिस के हत्थे चढ़े रामविनोद शर्मा के पास से 500 रुपये के 10 नए, 90 पुराने नोट और बंद हो चुके 1000 रुपये के 99 नोट के अलावा 100 रुपये की नेपाली जाली नोट और बाइक बरामद हुई। आरोपित से पुलिस के साथ ही स्थानीय खुफिया व सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने पूछताछ की तो पता चला कि नेपाल में सक्रिय गिरोह के सरगना की मदद से वह लोग जाली नोट को ठूठीबारी बार्डर से भारत में प्रवेश कराते हैं।
भारत में रुपये आने के बाद अपने साथियों की मदद से फुटकर में आसपास के बाजार में चलाते हैं। सुरक्षा एजेंसी ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जाली नोट के आदान-प्रदान की वजह से मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े होने की वजह से इसकी जांच एनआइए से कराने कहा है।
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