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UP News: गोरखपुर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से बिना पर्ची बिक रहीं नींद की दवाएं, पड़ा छापा तो मचा हड़कंप

गोरखपुर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर छापा पड़ा है। डीआई राहुल कुमार ने केंद्र पर छापा मारकर भारी मात्रा में नारकोटिक्स ग्रुप की दवाएं बरामद की हैं। ये दवाएं बिना डॉक्टर के पर्चे के बेची जा रही थीं। इन दवाओं का इस्तेमाल मानसिक रोगों में किया जाता है और इनसे नींद आती है। डीआई ने नारकोटिक्स ग्रुप की 22 तरह की दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है।

By Durgesh Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 06 Oct 2024 02:40 PM (IST)
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प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में दवाओं की जांच करते (बीच में) औषधि निरीक्षक राहुल कुमार। जागरण

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एक तरफ शासन और प्रशासन नारकोटिक्स ग्रुप की दवाओं की बिक्री सिर्फ डाक्टर के पर्चे पर ही करने के लिए सख्ती कर रहा है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्रों से यह दवाएं बिना पर्चा धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। शनिवार को मोहद्दीपुर में गोपाल मंदिर के पास स्थित प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र में औषधि निरीक्षक (डीआइ) राहुल कुमार ने छापा मारा तो भारी मात्रा में नारकोटिक्स ग्रुप की दवाएं मिली हैं।

इन दवाओं का इस्तेमाल मानसिक रोगों में किया जाता है। इनसे नींद आती है। खास बात यह है कि दवाएं खरीदने वाले ने ही जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी कि दुकानदार बिना डाक्टर के पर्चे पर दवाएं बेच रहा है। इसका बिल भी नहीं दिया जा रहा है। डीआइ ने नारकोटिक्स ग्रुप की 22 तरह की दवाओं की बिक्री पर रोक लगाते हुए इनका विवरण दर्ज कर लिया है।

जनसुनवाई पोर्टल पर आई शिकायत के बाद डीएम कृष्णा करुणेश ने डीआइ को मोहद्दीपुर में गोपाल मंदिर के पास स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की दुकान में छापा मारने के निर्देश दिए थे। शनिवार शाम डीआइ दुकान पर पहुंचे और शिकायतकर्ता को भी बुला लिया।

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शिकायतकर्ता अपने साथ नारकोटिक्स ग्रुप की क्लोनाजेपाम की 180 गोली, एसिटेलोप्राम व प्रोप्रैनोलाल की 90 गोली, एल्प्राजोलाम की 80 गोली और एसिटेलोप्राम की 70 गोली लेकर पहुंचा। उसने बताया कि सभी दवाएं जन औषधि केंद्र से ली गई हैं और इनका बिल भी नहीं मिला है। आरोप लगाया कि संचालक ने बिना डाक्टर के पर्चे के ही दवाएं दे दीं। जांच में नारकोटिक्स ग्रुप की 22 तरह की दवाएं मिलीं। संचालक इनकी खरीद का बिल नहीं दिखा पाए।

फुटकर दुकानदारों को रखना पड़ता है रिकार्ड

नारकोटिक्स ग्रुप की दवाओं का इस्तेमाल कुछ लोग नशे के लिए करते हैं। इसकी लगातार बिक्री बढ़ने के बाद सख्ती की गई है। फुटकर दवा के दुकानदार नारकोटिक्स ग्रुप की दवाएं सिर्फ पंजीकृत डाक्टर के पर्चे पर ही कर सकते हैं। इस पर्चे की फोटोकापी भी रखनी होती है।

पर्चा नया होना चाहिए और जितने दिन की दवा डाक्टर ने लिखी है, उतने दिन की देनी होगी। थोक दवा व्यापारियों को भी नारकोटिक्स ग्रुप की दवा की बिक्री का रिकार्ड रखना होता है। ऐसे में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर इन दवाओं की धड़ल्ले से बिक्री व्यवस्था पर सवाल खड़ी कर रही है। यह पहली बार है जब जन औषधि केंद्र से नमूने लिए गए हैं।

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चार दवाओं के लिए नमूने

डीआइ राहुल कुमार ने बताया कि मानसिक रोगों के उपचार से जुड़ीं चार दवाओं के नमूने लिए गए हैं। इन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। दवाओं की खरीद का बिल दिखाने के बाद ही बिक्री से रोक हटाई जाएगी।

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