Move to Jagran APP

गोरखपुर नगर निगम में भर्ती को लेकर कटाक्ष: महापौर बोले- ‘सेवानिवृत्त तहसीलदार रखे जा रहे, जानकारी दुरुस्त करें अखिलेश’

गोरखपुर नगर निगम ने आउटसोर्सिंग के ज़रिए सेवानिवृत्त तहसीलदारों नायब तहसीलदारों राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने निगम पर निशाना साधा है। महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में भी आउटसोर्सिंग पर सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी।

By Arun Chand Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 22 Nov 2024 07:55 AM (IST)
Hero Image
बाएं से गोरखपुर महापौर डॉ मंगलेश और अखिलेश यादव। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अपनी जानकारी दुरुस्त कर लें। गोरखपुर नगर निगम ने आउटसोर्सिंग पर सेवानिवृत्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। यह पहली बार नहीं हो रहा है। समाजवादी पार्टी की सरकार में वर्ष 2012 से 2017 के बीच भी आउटसोर्सिंग पर एक सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार सतीश श्रीवास्तव की नियुक्ति की गई थी जो अभी भी काम कर रहे हैं। जुलाई, 2013 में उनकी नियुक्ति हुई थी।

नगर निगम में आउटसोर्सिंग पर सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर निकाले गए विज्ञापन के बाद इंटरनेट मीडिया पर अखिलेश की पोस्ट का पलटवार करते हुए महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव ने ये बातें कहीं।

इसे भी पढ़ें-निहाल सिंह हत्याकांड: देवरिया में फिर तड़तड़ाई गोलियां, पुलिस मुठभेड़ में दो हत्यारोपित गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

महापौर ने गुरुवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि महानगर की जनसंख्या, दायरा और परियोजनाएं बढ़ने के साथ ही अन्य सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों की जरूरत महसूस होने पर इनकी संख्या बढ़ाने का निर्णय किया गया है। इसके लिए 19 नवंबर को तीसरी बार विज्ञापन निकाला गया, जिसमें साफ उल्लेख है कि सेवानिवृत्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के पदों पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति की जानी है। लेकिन, सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर निगम के इस विज्ञापन को टैग कर जो टिप्पणी की गई है, वह पूर्णतया भ्रामक है और यह साबित करती है कि बिना तथ्यों की जांच के समाजवादी पार्टी के नेता, कार्यकर्ता आमजन को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति गुमराह करने का षडयंत्र कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों के निस्तारण के लिए सिर्फ नगर निगम ही नहीं, बल्कि प्रदेश के तमाम विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण समेत कई बड़ी निजी कंपनियां तक सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों से आउटसोर्स पर सेवाएं लेती हैं।

इसे भी पढ़ें-नागा संन्यासियों की इन 15 तस्‍वीरों से नहीं हटा पाएंगे नजर! संगमनगरी में हुआ जोरदार स्‍वागत

ये कहा है अखिलेश यादव ने

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर नगर निगम गोरखपुर के विज्ञापन को टैग कर अपने पोस्ट में लिखा है- बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी 'सरकार' ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए। ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को खत्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा।

हम तो हमेशा से कहते रहे हैं कि आज फिर दोहरा रहे हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। आउटसोर्सिंग पीडीए के खिलाफ एक आर्थिक साजिश है। भाजपा इस प्रस्ताव को तत्काल वापस करे और नौकरी-आरक्षण का संवैधानिक हक न छीने। घोर आपत्तिजनक, घोन निंदनीय। पीडीए कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।