गरीबी ने रोकी पढ़ाई, हौसले ने बनाया हीरो; पढ़ें- सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमवीरों के इस नायक की कहानी
12वीं तक पढ़े गोरखपुर के विकास की तकनीक से सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमवीरों से बातचीत हुई। जिससे उन्हें हौसला दिया जा सका। विकास को इस आविष्कार का आइडिया भी गोरखपुर में ही इंडोस्कोपी देखकर आया था। आर्थिक कमजोरी के चलते विकास की पढ़ाई में बाधा जरूर आया लेकिन संसाधनों का अभाव उनकी प्रतिभा को नहीं रोक पाया। यही वजह है कि वह सिलक्यारा का हीरो बनकर चर्चा में है।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sun, 03 Dec 2023 10:51 AM (IST)
गजाधर द्विवेदी, गोरखपुर। आर्थिक संकट ने पढ़ाई छुड़ा दी, लेकिन विकास का हौसला नहीं टूटा। 12वीं पास इस युवक ने अपने जज्बे से चुनौतियों के पहाड़ को बौना साबित कर सफलता का शिखर चूमा और आज सिलक्यारा का हीरो बनकर चर्चा में है। गोरखपुर में सहजनवां के तिलौरा निवासी इस नवोन्मेषी युवा ने ही वह तकनीक तैयार की, जिसकी सहायता से सुरंग में फंसे श्रमवीरों से संवाद कर उन्हें हौसला दिया जा सका। खास बात यह कि विकास को इस आविष्कार का आइडिया भी गोरखपुर में ही इंडोस्कोपी देख आया था।
संसाधनों का अभाव विकास की प्रतिभा को नहीं रोक पाया
विकास के छोटे भाई आकाश मुंबई में प्राइवेट नौकरी करते हैं। पिता एक निजी स्कूल की गाड़ी चलाते हैं। माता राजमती देवी गृहणी हैं। आर्थिक कमजोरी विकास के आगे की पढ़ाई में बाधा जरूर बनी, लेकिन संसाधनों का अभाव उनकी प्रतिभा को नहीं रोक पाया। वह अनवरत शोध में जुटे रहे। इस समय वह दिल्ली में आपदा से बचाव संबंधी उपकरण बनाने का स्टार्टअप चलाते हैं। इसी के चलते एसडीआरएफ के अधिकारियों से उनका संपर्क है।
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उत्तराखंड के सिलक्यारा में जब श्रमवीर सुरंग में फंसे तो एसडीआरएफ ने बचाव कार्य को लेकर उनसे संपर्क साधा। यहां पहुंचकर विकास ने पहली बार उस तकनीक का प्रयोग किया, जिसका आविष्कार उन्होंने छह माह पूर्व ही किया था। इंडोस्कोपी से प्रेरणा लेकर तैयार किए गए इस तकनीक को उन्होंने वाटरप्रूफ कम्युनिकेशन सिस्टम नाम दिया है।
सबसे पहले श्रमवीरों से विकास ने की बात
इस सिस्टम के जरिये सबसे पहले उन्होंने श्रमवीरों से स्वयं बात की। इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री जनरल वीके सिंह व प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा समेत अनेक उच्चपदस्थ अधिकारियों से बात कराई। विकास का यह सिस्टम विपरीत परिस्थितियों में फंसे श्रमवीरों को हौसला देने में बड़ा काम आया।यह भी पढ़ें, Uttarkashi Tunnel Rescue: बच्चों से ज्यादा मजदूरों की चिंता... ऑपरेशन के नायक मुन्ना कुरैसी की कहानी भावुक कर देगी
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