Diwali 2024 Date: दीवाली 31 अक्टूबर या 1 नवंबर? जानिए क्या है सही तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त
Diwali 2024 Date रोशनी का त्यौहार दीवाली मनाने की तारीफ को लेकर लोगों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है। इसके समाधान के लिए पंडित ज्योतिषाचार्य धार्मिक पदाधिकारियों कर्मकांडी ब्राह्मणों मंदिर के पुजारियों ने तीन घंटे तक मंथन किया। इसमें दीवाली 31 अक्टूबर को है या 1 नवंबर को लेकर बुद्धिजीवियों ने अपनी बात रखी। आइए जानते हैं दीवाली की सही तिथि और पूजा का समय।
जागरण संवाददाता, हापुड़। दीपावली मनाने को लेकर रविवार रात को राजमहल बैंकट हॉल में पंडित, ज्योतिषाचार्य, धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारियों, कर्मकांडी ब्राह्मणों, मंदिर के पुजारियों और बुद्धिजीवियों की बैठक हुई। इसका आयोजन हापुड़ संयुक्त व्यापार मंडल ने किया था।
इसमें विभिन्न धार्मिक संगठनों के 11 विद्वान ब्राह्मणों ने भाग लिया। सभी ने 31 और एक नवंबर को दीपावली पूजन के गुण-दोष नक्षत्र व ज्योतिष के आधार पर बताए। सम्मेलन में नौ ब्राह्मणों ने एक नवंबर को और दो ने 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की।
तिथि निर्धारित करने को तीन घंटे मंथन चला
इस साल दीपावली मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति है। विभिन्न ज्योतिष और ब्राह्मण संगठन अलग-अलग तिथियों पर दीपावली मनाने के पक्षधर हैं। इस असमंजस को देर करने के लिए विद्वानों की बैठक में तीन घंटे तक मंथन किया गया। मंच पर मौजूद विद्वानों ने दीपावली मनाने को लेकर ज्योतिष व शास्त्रों के आधार पर अपने-अपने तर्क प्रभावशाली तरीके से रखे।कहां-कहां कब मनाई जा रही दीवाली
यह भी चर्चा की गई कि देश में कहां-कहां, कब-कब दीवाली मनाई जा रही है। वहीं तिथियों के हिसाब से 31 अक्टूबर और एक नवंबर काे दीपावली मनाने में क्या-क्या गुणदोष हैं। इसको लेकर अपनी बात रखी। हालांकि, मंच पर अधिकतर मंदिरों के पुजारी मौजूद नहीं थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित अग्रवाल छावनी वाले और संचालन संजय अग्रवाल ने किया। बैठक में मोहित जैन, सुधीर गुप्ता, महेश तोमर, अमित शर्मा, पंडित आदित्य भारद्वाज, तरुण गर्ग, अंकुर कंसल, मनीष मक्खन, मनीष शुक्ला और चंद्रशेखर आदि मौजूद रहे।
यह रहा मंचस्थ विद्वानों का मत
केंद्रीय ज्योतिष विश्व विद्यालय के पूर्व निदेशक डा. वासुदेव शर्मा, भारतीय ज्योतिष-कर्मकाण्ड महासभा के अध्यक्ष केसी पांडेय, योगी संजीव कौशिक, ज्योतिष योगेश्वर स्वामी, मां मंशा देवी मंदिर के पुजारी देवी प्रसाद, पंडित महेश, अखिलेश पंडित, पंडित संतोष और पंडित ओमप्रकाश पोखरियाल ने एक नवंबर को दीपावली मनाने के पक्ष में प्रभावी तर्क रखे। जबकि, श्री चंडी मंदिर के पंडित मिथलेश व हरमिलाप मंदिर के पंडित लवकुश शास्त्री ने 31 अक्टूबर को दीवाली मनाने को गुण-दोष के आधार पर तर्कसंगत ठहराया।मंच पर हुई नोंकझोंक
अपने-अपने पक्ष में सभी विद्वान प्रभावी तर्क रख रहे थे। इस दौरान दूसरे विद्वानों के तर्क को मंच पर ही चुनौती भी दी गई। इस दौरान कई बार माइक पर ही विद्वान एक-दूसरे से नोकझोंक करते और चिल्लाते भी देख गए।सभी अपने तर्क को प्रभावी ठहरा रहे थे। जिले में श्री चंडी देवी मंदिर की बड़ी मान्यता है। चंडी देवी मंदिर के विद्वान पंडित मिथलेस ने तो यहां तक कह किया कि एक नवंबर को दीपावली मनाने के पक्ष वालों के अन्य कारण हैं। उनके घर पर जाकर देख लेना, पूजन 31 को ही करते मिलेंगे।Diwali 2024 Shubh Muhurat कितने बजे है?
दीवाली पर पूजन का उत्तम मुहूर्त स्थिर लग्न वृषभ सायं 6:27 से रात 8:23 बजे तक है। वाराणसी के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर 3:12 बजे लग रही जो एक नवंबर को शाम 5:13 बजे तक है। एक नवंबर को सूर्यास्त शाम 5:32 बजे हो रहा।वहीं, अमावस्या सूर्यास्त से पहले 5:13 बजे खत्म हो रही है। इसलिए दीवाली कार्तिक अमावस्या तिथि में 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा।समाज में 31 को मनाई जाएगी दीवाली
विद्वानों ने भले ही कोई निर्णय ले लिया हो, लेकिन आमजन इसको स्वीकारता नहीं दिख रहा। शहर के लोगों का मानना है कि दीपावली तो 31 को ही मनाई जाएगी। जबकि कार्यक्रम के आयोजन व वरिष्ठ व्यापारी नेता ललित छावनी वालों ने कहा कि अब सभी एक नवंबर को दीपावली मनाने पर साथ आ गए हैं।मेरे विचार से दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जानी चाहिए और हम भी इसी दिन घर और अपने प्रतिष्ठान पर दीपावली मनाएंगे। एक नवंबर को दीवाली मनाने का कोई औचित्य नहीं है। सभी रिश्तेदारियों और दूसरे शहरों में 31 को दीवाली मनाई जा रही है। - रजत सिंघल, सामाजिक कार्यकर्ता व युवा व्यापारी