Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ठगे गए किसानों ने शुरू की आर-पार की लड़ाई, 20 लाख रुपये रोजाना भेजने का दिया था भरोसा

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 01:49 PM (IST)

    हापुड़ में कांटेक्ट फार्मिंग कंपनियों से ठगे गए किसान अब आर-पार की लड़ाई में हैं। भुगतान न होने से परेशान किसानों ने कलक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरना श ...और पढ़ें

    Hero Image

    भुगतान नहीं मिलने से परेशान किसानों ने कलक्ट्रेट पर डाला डेरा। जागरण

    जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में कांटेक्ट फार्मिंग कंपनियों द्वारा ठगे गए किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है। जिला उद्यान अधिकारी और कंपनियों द्वारा जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन भी नहीं किया जा रहा है।

    डीएम की उपस्थिति में किसानों के खातों में 20 लाख रुपया रोजाना भेजने का भरोसा दिया गया था। उस दिन से एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। वहीं, जिला उद्यान अधिकारी किसानों से वार्ता तक नहीं कर रहे हैं। जिससे परेशान होकर किसानों ने सोमवार से कलक्ट्रेट पर बेमियादी धरना आरंभ कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, डीएम से मुलाकात के बाद मंगलवार को भी समाधान नहीं निकलता है, तो भूख हड़ताल आरंभ कर दी जाएगी। किसानों का आरोप है कि डीएचओ कंपनियों को भुगतान नहीं करने के तरीके सुझा रहे हैं।

    जिले के आलू किसान भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कांटेक्ट फार्मिंग करा रही उत्कल ट्यूबर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने किसानों को आलू का बीज महंगे मूल्य पर उपलब्ध कराया था। उसके बदले में उत्पादन को भी महंगे मूल्य पर खरीदने का भरोसा दिया था। कंपनी के प्रतिनिधि लगातार किसानों के संपर्क में रहे।

    मई 2025 में हुए इस अनुबंध के तहत कंपनी ने हापुड़ के कनिया कल्याणपुर, बाबूगढ़ और आसपास के गांवों के सैकड़ों किसानों और मेरठ के किसानों को बीज उपलब्ध कराए। किसानों ने कंपनी के अधिकारियों संजय महंत, परवीर, अमित तोमर और तरुण के साथ लिखित समझौते किए। उसके बाद जून-जुलाई 2025 आलू की उपज कंपनी को सौंप दी गई, लेकिन भुगतान नहीं मिला।

    किसानों का करीब चार करोड़ रुपया बकाया है। इसको लेकर कंपनी ने हाथ खींच लिए हैं। डीएम के हस्तक्षेत्र पर कंपनियों ने अपने प्रतिनिधि वार्ता को भेजे, लेकिन वह पहले कोल्ड स्टोर में रखे आलू को बिक्री करने की अनुमति देने पर अड़ गए।

    डीएम अभिषेक पांडेय ने किसानों को समझाकर आलू की बिक्री की स्वीकृति भी प्रदान कर दी। उसके बाद 20 लाख रुपये का भुगतान करने के बाद हाथ खींच लिए। इस पर डीएम ने 10 दिन पहले कंपनी के प्रतिनिधियों को 20 लाख रुपया रोजाना किसानों के खातों में डालने का निर्देश दिया था। इसके लिए डीएचओ डॉ. हरित कुमार की ड्यूटी लगाई गई थी। उस दिन से किसानों के खातों में एक भी किस्त नहीं डाली गई है।

    अब आर्थिक संकट के चलते कई किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं। परेशान किसानों को अब कंपनी के प्रतिनिधि धमकी दे रहे हैं। इससे परेशान किसानों ने पिछले दिनों भी कलक्ट्रेट परिसर में बेमियादी धरना आरंभ कर दिया था। किसान समरपाल सिंह, समीर रहमान, मेघराज, कुलदीप सिंह, मुनेष,संजय, शोकेंद्र व दीपक आदि ने बताया कि डीएम की मौजूदगी में हु़ए समझौते के आधार पर धरना समाप्त कर दिया गया था। अब कंपनी के प्रतिनिधियों ने समझौते की बात भी नहीं रखी है।

    यह भी पढ़ें- IAS संतोष वर्मा की टिप्पणी पर फूटा गुस्सा, राष्ट्रीय ब्राह्मण संघ ने प्रधानमंत्री के नाम डिप्टी कलक्टर को सौंपा ज्ञापन

    हम किसानों और कंपनी प्रतिनिधियों के बीच कई बार मध्यस्था कर चुके हैं। कंपनी के प्रतिनिधि अपनी ही शर्तों का पालन करने को तैयार नहीं हैं। हम किसानों को समझा रहे हैं। वहीं डीएम की मौजूदगी में एक बार और प्रयास किया जाएगा। - डॉ. हरित कुमार, जिला उद्यान अधिकारी