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Jhansi Hospital Fire: सड़क साफ करने वालों पर कार्रवाई के निर्देश, डिप्टी सीएम बोले- ये स्वीकार्य योग्य नहीं

झांसी अस्पताल में लगी आग के बाद सड़कों पर चूना डालने वालों पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।

By Jagran News Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sat, 16 Nov 2024 03:05 PM (IST)
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डिप्टी सीएम ने सड़क पर चूना डालने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। (तस्वीर जागरण)
जागरण संवाददाता, झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के NICU वॉर्ड में शुक्रवार देर रात आग लगी और 10 मासूमों की जान चली गई। आग 10.32 पर लगी थी। इसके बाद फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची, सेना पहुंची। चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल था। दो घंटे तक रेस्क्यू के बाद 37 बच्चों की जान बचाई गई।

दूसरी तरफ, सीएम योगी के निर्देश पर शनिवार की सुबह 5 बजे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी झांसी पहुंचे। उन्होंने मामले की जानकारी ली। डिप्टी सीएम के झांसी पहुंचने से पहले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें दिख रहा है कि सड़क की साफ-सफाई की जा रही है। सड़कों के किनारे चूना डाला जा रहा है। हालांकि मामला सामने आने के बाद डिप्टी सीएम ने कार्रवाई करने की बात की है।

डिप्टी सीएम- ये स्वीकार करने योग्य नहीं

डिप्टी सीएम ने कहा कि जिन लोगों ने चूना डालने आदि जैसा कृत्य किया है, वो स्वीकार योग्य नहीं है। डिप्टी सीएम ने जिलाधिकारी झांसी को ऐसे लोगों को चिह्नित करके कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

बता दें कि बृजेश पाठक आधी रात को ही झांसी रवाना हो गए थे। रात भर सफर करके झांसी पहुंचे, मृतक और घायल के परिजनों से मिले, सांत्वना व्यक्त की। जांच के आदेश दिए। इसके साथ ही रेस्क्यू कराए गए बच्चों को बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

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सीएम योगी ने व्यक्त की सांत्वना

डिप्टी सीएम ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ की सक्रियता से ही बड़ी घटना को मिनटों में कंट्रोल कर लिया गया। सीएम योगी के निर्देश पर मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायल बच्चों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है।

एनआईसीसीयू में करीब 50 नवजात भर्ती थे

एनआईसीसीयू में रात लगभग 10.40 बजे आग लगी, उस समय वहां करीब 50 नवजात भर्ती थे। कुछ ही देर में आग की लपटों ने विकराल रूप ले लिया। धुएं का गुबार देख स्वजन भर्ती बच्चों को गोद में उठाकर भागने लगे। गर्भवती महिलाओं को भी लेकर लोग दौड़े, लेकिन धुएं और आग की लपटों के कारण कोई आगे नहीं बढ़ पा रहा था। चारों तरफ चीख-पुकार मचने लगी। इसी बीच बिजली भी काट दी गई थी। आग लगने की सूचना पर पुलिस, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा था। बता दें कि दमकल कर्मियों ने वॉर्ड की खिड़की का कांच तोड़कर अंदर प्रवेश किया था, तब जाकर 37 बच्चों की जान बचाई जा सकी।

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