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    शांत मिजाज मगर शातिर दिमाग था डॉ. आरिफ, SGPGI में सीट ना मिलने पर चली ये चाल, साथी बोले- उसे...

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 05:52 AM (IST)

    कार्डियोलॉजी विभाग से गिरफ्तार किए गए डा. मोहम्मद आरिफ मीर को उनके साथी शांत स्वभाव का बताते थे, लेकिन वह बेहद शातिर दिमाग से काम कर रहा था और अपनी संदिग्ध गतिविधियों का किसी को पता नहीं लगने दिया। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 2006–2013 तक फार्माकोलॉजी प्रवक्ता रही डा. शाहीन के साथी डा. आरिफ की एटीएस द्वारा गिरफ्तारी से हड़कंप मच गया।  

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। कार्डियोलाजी से पकड़ा गया डा. मोहम्मद आरिफ मीर को उसके साथी शांत बता रहे हैं, पर वह बहुत शातिर दिमाग है। उसने अपने आसपास के लोगों को भी अपनी गतिविधियों का पता नहीं लगने दिया। जीएसवीएम मेडिकल कालेज में 2006 से 2013 तक फार्माकोलाजी की प्रवक्ता रही डा. शाहीन के साथी डा. आरिफ को एटीएस की टीम ने पकड़ा तो खलबली मच गई है। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) के निदेशक डा. राकेश वर्मा के अनुसार, संस्थान में काम करते हुए आरिफ गतिविधि संदिग्ध नहीं दिखीं।

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    वह बतौर सीनियर रेजिडेंट इमरजेंसी में काम कर रहा था। अशोक नगर स्थित फ्लैट में आरिफ के साथ रहने वाले मूलरूप से नई दिल्ली निवासी सीनियर रेजिडेंट डा. अभिषेक ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में बताया कि प्रापर्टी डीलर के जरिये उन्होंने 27,000 रुपये किराये पर कमरा लिया था। वहां पहले अलीगढ़ के डा. यासिर उनके साथ रहते थे। उनके जाने के बाद मो. आरिफ रहने लगा।

    इस लिए नहीं लगा गतिविधियों का पता

    वह अपने कमरे में एकांत में रहना पसंद करता था और अपने लैपटाप पर ही व्यस्त रहता था। इससे उसकी गतिविधियां पता नहीं चलती थीं। अब संस्थान जम्मू-कश्मीर से आए हर डाक्टर की जांच करा रहा है। प्रो. अवधेश शर्मा ने बताया कि 32 वर्षीय डा. आरिफ श्रीनगर निवासी पुलिसकर्मी गुलाम हसन मीर का बेटा है। उसके दो भाई व एक बहन है।

    कश्मीरी डाक्टरों व डा. शाहीन के समय का खंगाल रहे इतिहास जीएसवीएम मेडिकल कालेज व कार्डियोलाजी में पढ़ने व नौकरी करने वाले जम्मू-कश्मीर के मेडिकल छात्रों व डाक्टरों का इतिहास जांच टीमें खंगाल रही हैं। सभी के आपसी संवाद की भी जांच की जा रही है।

    कार्डियोलाजी में वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के छह डाक्टर डाक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, जीएसवीएम मेडिकल कालेज के रेजिडेंट व प्रवक्ता पद पर काम कर रहे लोगों पर भी खुफिया एजेंसियों की नजर है। खासतौर पर डा. शाहीन के समय में कालेज परिसर में रहने वाले प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर का डाटा भी खंगाला जा रहा है।