कानपुर डीएम का एक्शन, निर्माण में सुस्ती और शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही पर लगाई फटकार
कानपुर के जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों में सुस्ती और शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही पर अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने विकास कार्यों को समय पर पूरा करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के सख्त निर्देश दिए। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

पुलिस लाइंस परिसर में निर्माणाधीन एसटीएफ भवन का निरीक्षण करते जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह। जागरण
जागरण संवाददाता,कानपुर।जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने शनिवार को दो अलग-अलग विभागीय निरीक्षणों में लापरवाही देखने पर अधिकारियों को फटकार लगाई। एक ओर जहां उन्होंने पुलिस लाइंस में एसटीएफ फील्ड इकाई के निर्माणाधीन कार्यालय भवन में देरी पर नाराजगी जताई, वहीं इसी परिसर में बने प्राथमिक विद्यालय में छात्रों की बेहद कम उपस्थिति और मिड-डे-मील व्यवस्था में गड़बड़ी पर शिक्षा विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब किया।
एसटीएफ भवन का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं में ढिलाई किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 385.45 लाख की लागत से राजकीय निर्माण निगम ने 16 सितम्बर 2024 से कार्य शुरू किया था। कार्य को 31 अगस्त 2025 तक पूर्ण किया जाना था। बाद में लक्ष्य तिथि बढ़ाकर सितम्बर 2025 कर दी गई। अपर परियोजना प्रबंधक आरके गुप्ता ने बताया कि फिलहाल निर्माण की भौतिक प्रगति 92 प्रतिशत है, जबकि फ्लोरिंग, पुट्टी और जल-मल निकास कार्य शेष है।
जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए दो माह में समस्त कार्य पूर्ण करने की टाइमलाइन तैयार करने का निर्देश दिया। साथ ही भवन की चहारदीवारी के एलाइनमेंट में गड़बड़ी पर तकनीकी जांच के आदेश दिए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता (प्रांतीय खंड) अनूप कुमार मिश्र को एक सप्ताह में गुणवत्ता रिपोर्ट देने को कहा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों का उत्तरदायित्व तय कर राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
इसके बाद जिलाधिकारी ने शिक्षा व्यवस्था की हकीकत परखने के लिए परिसर में बने प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में मात्र तीन छात्र उपस्थित मिले, जबकि यहां पंजीकृत छात्रों की संख्या 34 है। अध्यापक ने बताया कि 12 छात्र आए थे, पर नौ छात्रों को बिना अनुमति समय से पहले भेज दिए गए। जिलाधिकारी ने इसे अनुशासनहीनता बताते हुए खंड शिक्षा अधिकारी और सहायक अध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा।
निरीक्षण में यह भी पाया गया कि विद्यालय में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) का सैंपल उपलब्ध नहीं थे, इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए कहा कि छात्रों की उपस्थिति पंजिका तक सही ढंग से भरी नहीं जा रही है। उन्होंने निर्देश दिया कि शासन के आदेशानुसार 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों का समीपवर्ती विद्यालयों में विलय किया जाएगा, परंतु उक्त विद्यालय में ऐसा न किया जाना संबंधित अधिकारियों की उदासीनता को दर्शाता है।
जिलाधिकारी ने दोनों विभागों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि निर्धारित समयसीमा और गुणवत्ता का पालन न करने वाले अधिकारी और कर्मचारी किसी भी स्थिति में बख्शे नहीं जाएंगे। निरीक्षण के दौरान राजकीय निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक आरके गुप्ता, पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता अनूप कुमार मिश्रा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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