कानपुर के सरकारी अस्पताल और कार्यालयों में डीएम की छापेमारी, गायब अधिकारी और डाक्टरों पर कार्रवाई
कानपुर में जिलाधिकारी ने सरकारी अस्पताल और कार्यालयों में औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई अधिकारी और डॉक्टर गायब पाए गए, जिसके बाद डीएम ने उन पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए। अस्पतालों में मरीजों के लिए सुविधाओं में कमियाँ मिलने पर सुधार के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने सरकारी कामकाज में लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी है।

सर्वोदय नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हाजिरी रजिस्टर चेक करते जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह। सौ सूचना विभाग
जागरण संवाददाता, कानपुर। जिलाधिकारी के निरीक्षण में सरकारी अस्पताल और कार्यालयों में कर्मचारी अनुपस्थित मिले। उप कृषि निदेशक कार्यालय में निरीक्षण के दौरान छह कर्मचारी अनुपस्थित मिले, स्वास्थ्य केंद्र सर्वोदय नगर में डाक्टर और एएनएम स्टाफ गैरहाजिर मिलने के साथ ही मोबाइल में व्यस्त दिखे, निर्माणाधीन मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय भवन में गंभीर तकनीकी खामियां मिली, जबकि जिला पुस्तकालय के आधुनिकीकरण कार्यों की धीमी रफ्तार पर डीएम ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए जनवरी तक काम पूरा करने के आदेश दिए।
जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे सबसे पहले उप कृषि निदेशक कार्यालय पहुंचे। निरीक्षण में प्रधान सहायक मनोज कुमार शुक्ला, अवर अभियंता आनंद राव गौतम, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी धर्मेंद्र सिंह व सुशील कुमार, कनिष्ठ सहायक अंकिता सिंह सेंगर और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हाकिम सिंह गैरहाजिर मिलने पर 14 नवंबर की अनुपस्थिति दर्ज कर वेतन काटने के आदेश दिए। यहां पर कार्यालय में अव्यवस्था, धूल, टूटे शीशे और गंदगी देखकर डीएम ने फटकार लगाते हुए एक सप्ताह में व्यवस्था सुधारने कहा।
लापरवाही बरतने पर स्टोर इंचार्ज और प्रधान सहायक के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की गई। इसके बाद उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्वोदय नगर पहुंचे। यहां भी लापरवाही की तस्वीर और चौंकाने वाली दिखी। एआरओ नीरज कुमार सिद्धार्थ अनुपस्थित पर वेतन रोकने का आदेश दिया। ओपीडी में न कोई डाक्टर मौजूद था, न एक भी मरीज की पंजीकरण प्रविष्टि।
अस्पताल में तैनात डा. मधु अवकाश पर थीं और उनकी जगह ड्यूटी पर आने वाली डा. निधि निगम भी पहुंची ही नहीं थीं। केंद्र पर तैनात एएनएम संजू, बीना, हेमलता फील्ड की जगह मोबाइल में मशगूल मिलीं। डीएम ने सभी से स्पष्टीकरण तलब कर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। डीएम ने अस्पताल की लैब में पूरे दिन एक भी जांच न होने पर कार्रवाई के आदेश दिए।
तीसरा निरीक्षण में डीएम ने चुन्नीगंज स्थित 5.38 करोड़ रुपये लागत वाले निर्माणाधीन मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय का किया। यहां प्रथम तल का निर्माण और पिलरों में खामियां मिलने पर पूरी परियोजना की जांच मंडलीय तकनीकी समिति से कराने के आदेश दिए।
वहीं अंतिम निरीक्षण राजकीय जिला पुस्तकालय का किया, यहां सीएसआर फंड से चल रहे आधुनिकीकरण कार्य की समीक्षा की। सबमर्सिबल बोरिंग और नई बिल्डिंग की वाटरप्रूफिंग पूरी होने की जानकारी मिली, जबकि पुरानी बिल्डिंग की मरम्मत जारी है। डीएम ने अधिकारियों को जनवरी तक हर हाल में कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए।
डीएम ने यहां मौजूद विद्यार्थियों से बातचीत कर उनकी जरूरतें जानीं और अध्ययन कक्षों की क्षमता बढ़ाने, एसी-फैन, जनरेटर और नई फर्नीचर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। डीएम ने निरीक्षण के बाद कहा कि लापरवाही, अनियमितता और निम्नस्तरीय कार्य किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किए जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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