UP Politics: नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने मुठभेड़ को लेकर यूपी सरकार को घेरा, कहा- फर्जी हैं सभी एनकाउंटर
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भाजपा की एनकाउंटर पॉलिटिक्स को मुस्लिम और ब्राह्मण विरोधी बताते हुए कहा कि सभी एनकाउंटर फर्जी हैं। किसी भी मुठभेड़ में एक भी पुलिसकर्मी नहीं घायल हुआ। उन्नाव में हुए एनकाउंटर के बारे में पूछने पर कहा कि उनके पास आंकड़े नहीं हैं लेकिन अखबारों में आया है कि सबसे ज्यादा एनकाउंटर मुस्लिमों और ब्राह्मणों के हुए हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सोमवार को जाजमऊ में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के स्वजन से मुलाकात करने के बाद कहा कि इरफान के परिवार के साथ सरकार अन्याय कर रही है। इरफान के साथ जेल में भी ज्यादती हो रही है। भाजपा की एनकाउंटर पॉलिटिक्स को उन्होंने मुस्लिम और ब्राह्मण विरोधी बताते हुए कहा कि सभी एनकाउंटर फर्जी हैं। किसी भी मुठभेड़ में एक भी पुलिसकर्मी नहीं घायल हुआ।
सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम और अन्य सदस्यों से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में ब्राह्मण, मुस्लिम और यादवों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्नाव में हुए एनकाउंटर के बारे में पूछने पर कहा कि उनके पास आंकड़े नहीं हैं, लेकिन अखबारों में आया है कि सबसे ज्यादा एनकाउंटर मुस्लिमों और ब्राह्मणों के हुए हैं।
फिर गरमाई राजनीति
पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ को लेकर राजनीतिक पारा फिर चढ़ गया है। उन्नाव में मारे गए अपराधी अनुज प्रताप सिंह की मौत के बाद उसके पिता धर्मराज सिंह ने कहा, ''अब तो ठाकुर का एनकाउंटर हो गया। उनको (अखिलेश) संतुष्टि मिल गई होगी।'' तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, ''सबसे कमजोर लोग एनकाउंटर को अपनी शक्ति मानते हैं। किसी का भी फर्जी एनकाउंटर नाइंसाफी है।''
सपा अध्यक्ष ने लिखा कि हिंसा और रक्त से उत्तर प्रदेश की छवि को धूमिल करना इस राज्य के भविष्य के विरुद्ध एक बड़ा षड्यंत्र है। आज के सत्ताधारी जानते हैं कि वो भविष्य में फिर कभी वापस नहीं चुने जाएंगे। इसीलिए वो जाते-जाते उत्तर प्रदेश में ऐसे हालत पैदा कर देना चाहते हैं कि इस राज्य में कोई प्रवेश और निवेश ही न करे। जिनका खुद का कोई भविष्य नहीं होता, वहीं भविष्य बिगाड़ते हैं।
सात साल में मारे गए 208 अपराधी
बीते सात वर्षों में पुलिस व बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में अब तक कुल 208 अपराधी मारे गए हैं। पुलिस आंकड़ों के अनुसार अपराधियों से मुठभेड़ में 17 पुलिसकर्मी बलिदान हुए। 22 मार्च, 2017 से अब तक 13,059 पुलिस मुठभेड़ में 27,297 अपराधी पकड़े गए, जबकि 7,282 पुलिस की गोली लगने से घायल हुए।
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