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    वंदे भारत एक्सप्रेस में भोजन-पानी न मिलने पर यात्रियों का हंगामा, ट्रेन में शिकायत रजिस्टर तक नहीं

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 09:58 PM (IST)

    वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों को भोजन और पानी न मिलने पर हंगामा हुआ। यात्रियों ने शिकायत की कि ट्रेन में शिकायत रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं था, जिससे व ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। वंदेभारत एक्सप्रेस में भोजन व पानी न मिलने पर यात्रियों ने हंगामा किया। इसकी शिकायत रेलवे के एप व एक्स पर की। सेंट्रल स्टेशन पर यात्रियों की शिकायत दर्ज की गई। इस दौरान ट्रेन 15 मिनट लेट भी हो गई।

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    वाराणसी से आगरा कैंट जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्रियों ने आरोप लगाए कि उनको भोजन व पानी नहीं दिया गया है। इसको लेकर यात्रियों ने हंगामा भी शुरू कर दिया। कानपुर के हिमांशु शर्मा ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि ट्रेन वाराणसी से रवाना हुई तो कोच में किसी यात्री को पानी की बोतल तक नहीं दी गई। नाश्ता भी नहीं मिला। इस पर यात्री हंगामा करने लगे।

     

    यात्रियों ने शिकायत दर्ज कराने के लिए रजिस्टर मांग तो वह भी नहीं था। रेलवे अधिकारी यात्रियों को समझाने का प्रयास करते रहे। सेंट्रल स्टेशन पर रेल सेवा पर शिकायत दर्ज कराई गई। कानपुर सेंट्रल के स्टेशन अधीक्षक अवधेश अवस्थी ने बताया कि वंदे भारत में यात्रियों को एक बार पानी की बोतल उपलब्ध कराने का नियम है। वे दोबारा पानी की बोतल मांग रहे थे, बोतल न मिलने पर उन्होंने हंगामा किया। भोजन न मिलने जैसी कोई बात नही है।

     

    इधर, ट्रेन के कोच में रेस्टोरेंट अभी तक कागजों पर

    ट्रेन के एसी कोच में बैठाकर स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद दिलाने के लिए बनाए जाने वाले रेल कोच रेस्टोरेंट फाइलों से बाहर नहीं आ सके हैं। योजना बने दो वर्ष बीतने के बाद भी रेस्टोरेंट को धरातल नहीं मिल पाया। रेल कोच रेस्टोरेंट सेंट्रल स्टेशन, गोविंदपुरी व अनवरगंज में खोलना प्रस्तावित है। पहली बार कराए गए टेंडर में कोई बोली लगाने ही नहीं आया। दूसरी बार ठेकेदार आया लेकिन पीछे हट गया।

     

    2023 की है योजना

    रेलवे ने वर्ष 2023 में रेल कोच रेस्टोरेंट की योजना तैयार की थी। खस्ताहाल हो चुके कोच को बेहतर करके इन्हें बनाया जाना है। सोचा गया था कि रेलवे पटरियों पर ये रेस्टोरेंट स्थापित होंगे तो सुखद अहसास देंगे। इन्हें निर्धारित स्थल पर रखवाया जाना था। लोगों के बैठने के लिए कोच के अंदर टेबल, कुर्सियां लगाई जानी हैं। इनको बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई, निरीक्षण भी किया गया। पहले रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए सेंट्रल स्टेशन के कैंट साइट में जगह को चिह्नित किया गया था।

     

    ठेकेदार को पसंद नहीं आया

    रेल कोच रेस्टोरेंट के लिए निकाले गए टेंडर में बोली के लिए कोई नहीं आया। दूसरे बार निकाले गए टेंडर में 48 लाख रुपये की बोली लगाई गई। रेस्टोरेंट का ठेका लेने वाले ने 12 लाख रुपये जमा भी करा दिए। बाद में ठेकेदार ने जगह पसंद न आने की बात कही। एक तरफ स्टैंड दूसरी तरफ भीड़भाड़ रहने से रेस्टोरेंट सफल न होने की आशंका जताई। बाद में रेलवे ने कोपरगंज स्थित ड्रम बाजार में रेल कोच रेस्टोरेंट का प्रस्ताव तैयार किया। अभी तक तीनों स्टेशनों पर प्रस्तावित रेल कोच रेस्टोरेंट का काम आगे नहीं बढ़ पाया है। इस विषय पर पक्ष जानने के लिए सेंट्रल स्टेशन के डिप्टी सीटीएम से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा।