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Krishi Bharat 2024: सीएम योगी ने कृषि तकनीक पर दिया जोर, किसानों की आय बढ़ाने के लिए उठाए ये कदम

कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तकनीक को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कृषि भारत 2024 के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और बेहतर तकनीक का उपयोग करते हुए कृषि विकास का लक्ष्य साधने की बात कही। नीदरलैंड्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए।

By Anand Mishra Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 15 Nov 2024 06:41 PM (IST)
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लखनऊ में CII द्वारा आयोजित 'कृषि भारत-2024, कृषि और प्रौद्योगिकी का महाकुम्भ' का शुभारंभ करते सीएम योगी
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए तकनीक को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। शुक्रवार को कृषि व प्रौद्योगिकी के चार दिवसीय महाकुंभ ‘कृषि भारत 2024’ के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ने कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और बेहतर तकनीक का उपयोग करते हुए कृषि विकास का लक्ष्य साधने की बात कही। योगी ने कहा कि डिजिटल एग्रीकल्चर व टेक्नोलाजी के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने में हमें जो मदद मिली है, उसे तीन से चार गुणा और बढ़ाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में देश की 17 प्रतिशत (करीब 25 करोड़) आबादी निवास करती है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि का प्रदेश में केवल 11 प्रतिशत ही है, लेकिन कृषि उत्पादन में हमारी हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है। यह हमारे उत्तम जल संसाधन और उर्वरा भूमि ताकत को दर्शाता है। इसमें अभी भी बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग एग्रीकल्चरल क्लाइमेटिक जोन के अनुसार देश के विभिन्न क्षेत्रों ने उल्लेखनीय प्रगति की है, दुनिया के अन्य देशों में भी बहुत कुछ हुआ है।

ऐसे में, अगर बेस्ट प्रैक्टिसेस को शेयर करते हैं तो बहुत कुछ एक-दूसरे से सीख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कृषि की लागत को कम करने और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्भरता को घटाकर प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि किसानों को इसके बारे में जागरूक करना, बीज को बाजार में पहुंचाने की सुलभता, कृषि को उद्यमिता से जोड़ते हुए व्यापक बदलाव लाया जा सकता है।

सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2000 से सीआइआइ एग्रोटेक का भारत में आयोजन कर रहा है। पहली बार यह आयोजन चंडीगढ़ से हटकर उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रहा है जो कि काफी मायने रखता है। बता दें कि कृषि भारत सम्मेलन में नीदरलैंड्स पार्टनर कंट्री के रूप में भाग ले रहा है। आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूगांडा, स्पेन, यूके जैसे देशों के कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए विशेषज्ञ व स्टेकहोल्डर्स भी इस आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मत्स्य पालन मंत्री डा. संजय कुमार निषाद, उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह, नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका गर्ग, सीआईआई के अध्यक्ष व आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक संजीव पुरी व अन्य देशों से आए हुए प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

सूदखोरी के चंगुल से मुक्त होकर आगे बढ़े हैं किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को सूदखोरी के चंगुल से मुक्त कर उन्हें स्वावलंबन की दिशा में अग्रसर कर सकें, इस दिशा में ढेर सारे प्रयास पिछले 10 वर्षों में हुए हैं। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमने किसानों के हित के लिए अनेक कदम उठाए हैं। मृदा परीक्षण, कृषि बीमा, कृषि सिंचाई के साथ ही देश के अंदर 12 करोड़ अन्नदाता किसान सम्मान निधि का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

कंट्री पार्टनर नीदरलैंड्स के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर

सीएम योगी ने कंट्री पार्टनर नीदरलैंड्स के साथ द्विपक्षीय बैठक में भी हिस्सा लिया। इस मौके पर नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स की राजदूत मारिसा गेरार्ड्स की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार और नीदरलैंड्स के बीच दो एमओयू भी हस्ताक्षरित किए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीदरलैंड्स के साथ हमें अपने कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

एग्रीकल्चर व हार्टिकल्चर के क्षेत्र में केमिकल पेस्टिसाइड से इतर नेचुरल फार्मिंग को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, इस पर जोर देना होगा। उन्होंने बताया कि यूपी में छह कृषि विश्वविद्यालयों हैं, हर जिले में हमारे कृषि विज्ञान केंद्र भी हैं, जो किसानों को आधुनिक बीज व तकनीक उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाते हैं।

नीदरलैंड्स को अपनी एग्रीकल्चरल एबिलिटी और कृषि क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के लिए जाना जाता है। भारत-नीदरलैंड्स में पार्टनरशिप व समन्वय के जरिए सभी चुनौतियों से निपटा जा सकता है। भारत का कृषि क्षेत्र उपलब्धियों और असीम संभावनाओं से भरा हुआ है जिसमें सहभाग करना हमारे लिए गर्व का विषय है। पूरी दुनिया में क्लाइमेटिक चेंज समेत कई चुनौतियां हैं जिनके समाधान की जरूरत है। हम अपनी विशेषज्ञता साझा करने के साथ ही भारत के अनुभव से काफी कुछ सीख रहे हैं। -जैन कीस गोएट, नीदरलैंड्स के उप कृषि मंत्री

यूपी कृषि क्षेत्र का नया पावरहाउस है। मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा दिखाई है। भारत के कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। नई तकनीक पर फोकस इस दिशा में सहायक सिद्ध हो रहा है। सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी उत्तम प्रयास किया गया है। 250 मिलियन टन से बढ़कर भारत आज 330 मिलियन टन उपज कर रहा है, मगर इसमें वृद्धि का अभी और क्षमता है। -संजीव पुरी, सीआईआई के अध्यक्ष व आईटीसी लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक

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