बाराबंकी पीएम आवास घोटाले में बड़ी कार्रवाई, हटाए गए डूडा लखनऊ के परियोजना अधिकारी; पढ़ें पूरा मामला
UP Latest News बाराबंकी में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 27.50 लाख रुपये के घोटाले में लिप्त पाए गए सौरभ त्रिपाठी को लखनऊ डूडा के परियोजना अधिकारी पद से हटा दिया गया है। फर्जी जियो टैगिंग के जरिए सरकारी धन का गबन किया गया। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बाराबंकी जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजना के तहत 27.50 लाख रुपये के घोटाले में लिप्त पाए गए सौरभ त्रिपाठी को लखनऊ डूडा (जिला नगरीय विकास अभिकरण) के परियोजना अधिकारी पद से हटा दिया गया है। सौरभ की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें उनके मूल विभाग चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को वापस भी कर दिया गया है।
घोटाले के दौरान सौरभ बाराबंकी के परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। सूडा निदेशक डा. अनिल कुमार द्वारा सौरभ को हटाए जाने संबंधी आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उन्होंने बाराबंकी में परियोजना अधिकारी रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया।
शासकीय धनराशि का किया गया गबन
फर्जी जियो टैंगिंग के माध्यम से 27.50 लाख रुपये की शासकीय धनराशि का गबन किया गया। उनके इस कृत्य से विभाग की छवि धूमिल हुई है इसलिए उनकी प्रतिनियुक्ति को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर उन्हें कार्यमुक्त किया जाता है। सौरभ के खिलाफ आरोप पत्र चिकित्सा विभाग को भेजते हुए विभागीय कार्रवाई के लिए भी कहा गया है।गौरतलब है कि जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में दोषी पाए जाने पर बाराबंकी की तत्कालीन परियोजना अधिकारी विजया तिवारी को पहले ही हटाकर उनके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जा रही है। सूडा निदेशक ने घोटाले के दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के भी निर्देश दिए। सूत्रों के अनुसार प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए शासन स्तर से पूरे मामले की जांच सूडा निदेशक से कराए जाने की तैयारी है।
तहरीर हुई दर्ज
जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) में पीएम शहरी आवास के नाम पर करीब साढ़े 27 लाख रुपये गबन के मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। सर्वेयर व अन्य पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों व उनके परिवारजन के नाम से 11 पीएम आवास के फर्जी जीओ टैग कर धनराशि निकाले जाने का मामला संयुक्त मजिस्ट्रेट आर जगत साईं की जांच में सामने आया था। डीएम ने 12 नवंबर को सूडा निदेशक को जांच रिपोर्ट भेजी थी। मामले में राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) के लिपिक जय प्रकाश मिश्रा की तहरीर पर गुरुवार देर रात मुकदमा लिखा गया।तहरीर के अनुसार, डूडा के तत्कालीन जिला समन्वयक (सीएलटीसी) आशीष कुमार चौरसिया द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर गलत जीओ टैग कराकर राजेश्वर वर्मा व उनकी मां मिथिलेश, विजय प्रताप सिंह की पत्नी अंतिमा सिंह, शमशेर यादव पुत्र रामदेव, अभिजीत वर्मा पुत्र वीरेंद्र कुमार, सौरभ कुमार पुत्र महेंद्र कुमार, विकास वर्मा पुत्र ओमकार चौधरी, विवेक कुमार यादव पुत्र राम कैलाश, रवि प्रकाश पुत्र गुरु प्रसाद सहित एक अन्य आउटसोर्सिंग कर्मी की पत्नी व मां के नाम से ढाई-ढाई लाख रुपये का गबन किया।
तहरीर में यह भी कहा गया है कि आशीष कुमार चौरसिया ने पद का दुरुपयोग करते हुए गलत जीओ टैग को स्वीकार किया। आशीष को डूडा कार्यालय बाराबंकी से कार्यमुक्त कर दिया गया था। 26 अक्टूबर 2024 को डूडा हरदोई में कार्यभार भी ग्रहण कर लिया, लेकिन अभी तक नए सीएलटीसी आशुतोष गुप्ता को योजना की पत्रावलियां, डाटा और सीयूजी सिम उपलब्ध नहीं कराया है। नगर कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर के आधार पर गबन का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसे भी पढ़ें: UP ByPolls 2024: भाजपा ढहाएगी किला या बचेगी परिवार की विरासत, यूपी की इस हॉट सीट पर टिकी सबकी निगाहेंइसे भी पढ़ें: Jharkhand Election Result 2024: परिणाम पर टिकी निगाहें, जुलूस, मिठाई और बैंड-बाजे का भी इंतजाम
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।