जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ करेगा ईडी, कोडीन युक्त सीरप की अवैध सप्लाई का मामला
कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध सप्लाई मामले में ईडी ने जांच तेज कर दी है। ईडी जल्द ही जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगा। ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध सप्लाई के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी अपनी जांच तेज की है। ईडी मामले में जेल आरोपितों से पूछताछ की भी तैयारी कर रहा है। आरोपितों से जेल में पूछताछ की अनुमति के लिए जल्द कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि मामले का मुख्य आरोपित वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल सोमवार को ईडी के सामने नहीं आया। दुबई भाग निकले शुभम जायसवाल के वकील ईडी दफ्तर पहुंचे और शुभम के बीमार होने का हवाला देकर और समय दिए जाने की मांग की। शुभम कहां है, यह स्पष्ट नहीं किया।
ईडी ने 12 दिसंबर को शुभम को फिर तलब किया है। ईडी कुछ दवा कंपनियों के संचालकों व अधिकारियों को भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब करेगा। लगभग 65 दवा कारोबारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है। ईडी उनसे भी पूछताछ करेगा।
इन शहरों में फैला था नेटवर्क
कफ सीरप की अवैध सप्लाई का खेल कई बड़े शहरोें में था। अब तक जिन 28 जिलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उनमें वाराणसी में 38 के अलावा जौनपुर में 16, कानपुर नगर में आठ, गाजीपुर में छह, लखीमपुर खीरी व लखनऊ में चार-चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
इनके अलावा बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीरनगर, हरदोई, श्रीवास्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुलतानपुर, चंदौली व मीरजापुर में 52 मुकदमे दर्ज हैं।
पता दवा की दुकान का, मौके पर मिला ठेला
सिंडीकेट की तह तक पहुंचने के लिए औषधि विभाग ने 279 दवा दुकानों पर गहन छानबीन की है। सामने आया कि कई दुकानें केवल दस्तावेजों पर है। एक ऐसा भी मामला सामने आया कि जहां दुकान का पता दिया गया था, वहां ठेला लगा मिला।
कई दुकानों का प्रयोग बिलिंग प्वाइंट के रूप में किया जा रहा था। कई दुकानों में अपर्याप्त भंडारण क्षमता पाई गई। दवाओं की खरीद-बिक्री के अभिलेख भी पूरे नहीं पाए गए।
कई फर्म हैं एफएसडीए की जांच के घेरे में
एफएसडीए आयुक्त रोशन जैकब ने बताया कि जांच में पता चला कि एबाट, थ्री बी, लैबोरेट से बने कोडीन युक्त सीरप की दवा दुकानदार अवैध बिक्री कर रहे थे। एबाट के कफ सीरप बेचने वाली 67 फर्म, थ्री बी कंपनी की कफ सीरप लेने वाली 35 फर्म, लैबोरेट के कफ सीरप बेचने वाली नौ फर्मों के खिलाफ एफआइआर कराई गई है।
इसके अलावा इधिका और आर्पाइक कंपनी रूड़की (उत्तराखंड) की शुभम, जान्य बायोकेयर, ग्लोबिन से कफ सीरप बनवा कर बिक्री करती थीं। इधिका और आर्पाइक सहित 13 फर्मों पर एफएसडीए ने एफआइआर कराई है।
यह होगा एसआइटी का दायित्व
एसआइटी मामले में चल रही सभी जांचों की नियमित समीक्षा करने के साथ ही आरोपितों से पूछताछ में सामने आ रहे तथ्यों की कड़ियां जोड़ते हुए आगे की कार्रवाई तय करेगी। वित्तीय लेनदेन से जुड़े तथ्यों की भी गहनता से जांच करेगी।

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