पराली से मोटी कमाई कर सकते हैं किसान, 'कृषि भारत-2024' में एक्सपर्टस ने बताया फॉर्मूला
कृषि भारत-2024 में विशेषज्ञों ने पराली से उत्पाद बनाने और पर्यावरण बचाने पर जोर दिया। शुगरटेक 2024 में इथेनॉल और बायोगैस उत्पादन के साथ चीनी उद्योग में नवाचारों पर चर्चा हुई। किसान गोष्ठी में कृषि के साथ पशुपालन और बायोमास प्लांट से कमाई के सुझाव दिए गए। प्रदर्शनी में जैविक उत्पाद हाइड्रोफोनिक खेती और कृषि मशीनें आकर्षण का केंद्र रहीं जिससे किसानों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी मिली।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कृषि भारत-2024 में दूसरे दिन विशेषज्ञों ने पराली से कमाई को लेकर किसानों को जागरूक किया। विशेषज्ञों ने कहा कि नई तकनीक व मशीनों के उपयोग से पराली के विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।
साथ ही चीनी उद्योग में बदलाव के लिए ''''शुगरटेक'''' में नवाचारों पर प्रकाश डाला गया। वहीं पशु उद्योग के बारे में भी विस्तार से चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने पशु पालन से किसानों को होने वाली आय से लेकर पशुओं की देखरेख के लिए दुुनियाभर में प्रयोग की जा रही मशीनों के बारे में भी जानकारी दी।
लखनऊ की वृंदावन आवासीय योजना के मैदान में सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) व राज्य सरकार द्वारा आयोजित कृषि भारत में ''''शुगरटेक 2024'''' के 10 वें संस्करण की मेजबानी भी की गई। उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कुमार विनीत ने कहा कि 2047 के अमृतकाल के दृष्टिकोण के मद्देनजर किसानों को नई तकनीक से गन्ने की खेती के लिए जागरूक करना होगा।
खेती के क्षेत्र को उद्योग के रूप में बढ़ाने की जरूरत
उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जरूरी है कि खेती के क्षेत्र को उद्योग के रूप में आगे बढ़ाया जाए। डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के सीईओ रोशन लाल तमक ने कहा कि चीनी उद्योग उत्तर प्रदेश में न केवल चीनी उत्पादन में बल्कि इथेनाल, बायोगैस के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के मानद अध्यक्ष डा. आर जी अग्रवाल ने कहा कि संतुलित उर्वरक हमारे भविष्य की कुंजी है। स्प्रे इंजीनियरिंग डिवाइसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विवेक वर्मा ने कहा कि परिवर्तनकारी भविष्य के लिए कृषि इंजीनियरिंग और चीनी प्रौद्योगिकी को एकीकृत करना महत्वपूर्ण कदम होगा।
लखनऊ में CII द्वारा आयोजित 'कृषि भारत-2024, कृषि और प्रौद्योगिकी का महाकुम्भ' का शुभारंभ करते सीएमवहीं किसान गोष्ठी में कृषि मशीनों का निर्माण करने वाले गुरसेवक बावा ने कहा कि पराली को एकत्र करके किसान उससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर सकते हैं। पराली विशेषज्ञ आसिम ने कहा कि पराली से कोयला बनाने से लेकर बायो मास प्लांट लगाकर किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। पशु उद्योग को लेकर आयोजित सम्मेलन में डेयरी, बकरी, सुअर व पोल्ट्री उद्योग को लेकर विशेषज्ञों ने सलाह दी कि किसान कृषि के साथ-साथ अतिरिक्त कमाई के लिए इन उद्योगों को भी अपना सकते हैं।
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