उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बनाया जाएगा ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर, इन जिलों को मिलेगा लाभ… कैबिनेट मीटिंग मिली स्वीकृति
UP News - उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने बुंदेलखंड क्षेत्र में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना की लागत 619.90 करोड़ रुपये होगी। केंद्र सरकार की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 योजना के तहत निर्मित किए जाने वाले इस कॉरिडोर पर होने वाले खर्च का 33 प्रतिशत केंद्र सरकार व 20 प्रतिशत का अंश राज्य सरकार देगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बुंदेलखंड क्षेत्र में 619.90 करोड़ रुपये से ग्रीन एनर्जी (हरित ऊर्जा) कॉरिडोर बनाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई है। केंद्र सरकार की ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 योजना के तहत निर्मित किए जाने वाले इस कॉरिडोर पर होने वाले खर्च का 33 प्रतिशत केंद्र सरकार व 20 प्रतिशत का अंश राज्य सरकार देगी। वहीं 47 प्रतिशत राशि पूंजीगत अनुदान के रूप में जर्मनी की कंपनी केएफडब्ल्यू से ली जाएगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 4,000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क संयंत्र स्थापित किया जाएगा। साथ ही चित्रकूट, बांदा एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति के लिए प्रदेश में स्थापित की जा रही 800 मेगावाट की सौर परियोजना से ऊर्जा की निकासी के लिए चित्रकूट में 400/220 केवी उपकेंद्र एवं लाइनों का निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि उपकेंद्र का निर्माण 24 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके निर्माण के बाद चित्रकूट व बांदा सहित निकटवर्ती क्षेत्रों में समुचित ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। इससे औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।वहीं, केंद्र सरकार की पीएम मित्र योजना के तहत लखनऊ-हरदोई में 1,000 एकड़ में मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र एवं परिधान (पीएम मित्र पार्क) को विकसित करने के लिए मास्टर डेवलपर के चयन को लेकर प्रक्रिया शुरू करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
भुगतान के लिए गन्ना किसानों को नहीं करना पड़ेगा इंतजार
किसानों को अब सहकारी चीनी मिलों से गन्ना का भुगतान लेने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस संदर्भ में कैबिनेट की बैठक में रखे गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। सरकार ने आगामी पेराई सत्र में गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक लिमिटेड व जिला सहकारी बैंकों से उपलब्ध कराई जाने वाली कैश क्रेडिट लिमिट (नकद साख सीमा) के लिए शासकीय गारंटी प्रदान करने की व्यवस्था की है।
साथ ही शासकीय गारंटी पर देय शुल्क को भी माफ कर दिया है। इससे गन्ना किसानों को सहकारी चीनी मिलों से भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कैबिनेट की बैठक में राशन की दुकानों पर रिकार्ड रजिस्टर रखने की अनिवार्यता समाप्त करने संबंधी प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि अब सभी राशन की दुकानों पर ई-पाश मशीनें लगा दी गई हैं। इन मशीनों में राशन वितरण संबंधी सारा रिकार्ड दर्ज हो जाता है। इसलिए रिकॉर्ड को लेकर अलग से रजिस्टर रखने की जरूरत नहीं है।
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