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लखनऊ शहर की बिजली होगी स्मार्ट, दो हजार करोड़ खर्च करने की तैयारी; बदलने वाला है बहुत कुछ

लखनऊ की बिजली व्यवस्था को स्मार्ट बनाने के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। नए बिजली घर बनाए जाएंगे ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाएगी और हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य लखनऊ को उत्तर प्रदेश में एक मॉडल सिटी के रूप में स्थापित करना है। वर्ष 2030 के हिसाब से शहर की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।

By Anshu Dixit Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 21 Sep 2024 08:19 PM (IST)
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लखनऊ शहर की बिजली होगी स्मार्ट - प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। राजधानी में बिजली की आंख मिचौली को बंद करने के लिए शहर की बिजली व्यवस्था पर दो हजार करोड़ से अधिक खर्च हाेंगे। नए बिजली घर बनाए जाएंगे, जो अधिक क्षमता के होंगे और शहर की बढ़ रही आबादी के हिसाब से डिजाइन किए जाएंगे। वर्ष 2030 के हिसाब से शहर की बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।

ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि के साथ ही हजारों नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। लाइनों को छोटा करने के साथ ही पतली गलियों व प्रमुख मार्गों पर हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत किया जाएगा। योजना को मूर्तरूप देने के लिए मध्यांचल डिस्काम ने राजधानी के सभी 26 खंडों के अधिशासी अभियंताओं से अपने अपने क्षेत्रों की कार्ययोजना बनाकर भेजने को कहा है।

वर्तमान में शहर की आबादी पचास लाख से ऊपर है। बिजली विभाग अस्सी लाख आबादी के हिसाब से बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने जा रहा है। उद्देश्य होगा कि लखनऊ उत्तर प्रदेश में माडल सिटी के रूप में खड़ा किया जा सके। प्रदेश सरकार की मंशा के हिसाब से लखनऊ नो ट्रिपिंग जोन बने और अन्य प्रदेशों के लिए यह मिसाल साबित हो।

तेज आंधी, बारिश में बिजली की आंख मिचौली जो होती है, वह न हो। अगर ट्रांसफार्मर में गड़बड़ी आए तो दूसरे ट्रांसफार्मर व अन्य वैकल्पिक स्त्रोत से पलक झपकते ही बिजली चालू हो जाए। शहर के सभी अस्सी बिजली घरों पर डबल व त्रिपल सोर्स बिजली के हो। जिससे एक लाइन में फाल्ट आए तो दूसरे से चालू हो जाए। ट्रांसफार्मर गर्मियों में ओवर लोड न हो, उसके लिए उनकी क्षमतावृद्धि भविष्य के हिसाब से तय करके रखी जाए।

वर्तमान में शहर के पचास फीसद बिजली घर पूरी क्षमता से चल रहे हैं या फिर ओवर लोड है। इनकी ओवर लोडिंग कम करने के लिए नए बिजली उपकेंद्र बनाकर बिजली के लोड को विभाजित किया जाएगा। उपकेंद्र में इतना स्थान बनाया जाएगा कि भविष्य में अगर दस एमवीए के दो से तीन पावर ट्रांसफार्मर और भी लगाने पड़े तो स्थान कम न पड़े।

यहां बनेंगे नए बिजली उपकेंद्र

गोमती नगर, राजाजीपुरम, बिजनौर, राजभवन, महानगर, ठाकुरगंज, चौक, रेजीडेंसी, विश्वविद्यालय, मोहनलालगंज, बीकेटी, चिनहट, हुसैनगंज, जानकीपुरम, रहीमनगर, सीतापुर रोड, डालीगंज, अमीनाबाद, माल, कानपुर रोड, आलमबाग सहित 25 स्थानों पर नए बिजली उपकेंद्र बनेंगे।

ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि इस तरह होगी

  • 100 केवीए के स्थान पर 250 केवीए ट्रांसफार्मर लगेंगे
  • 250 केवीए के स्थान पर 400 केवीए ट्रांसफार्मर लगेंगे
  • 400 केवीए के स्थान पर 250 केवीए के दो लगेंगे ट्रांसफार्मर
  • 630 केवीए की जगह, जमीन की उपलब्धता पर तीन लगेंगे 250 केवीए
  • 1000 केवीए के स्थान पर 250 केवीए चार लगेंगे ट्रांसफार्मर

नोट : बिजली विभाग का जोर है कि अधिक क्षमता का ट्रांसफार्मर अगर खराब होता है तो बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है। ऐसे में 250 केवीए से कम आबादी होगी प्रभावित।

लखनऊ शहर में बेहतर बिजली व्यवस्था बनाई जानी है। इसके लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं, कुछ आ गए हैं और कुछ अभी आने हैं। यहां से प्रस्ताव आरइसी भेजे जाएंगे और फिर केंद्र सरकार इस पर अपना निर्णय लेगी, उसके बाद जैसे ही आदेश मिलेगा, इस पर काम किया जाएगा। - नीरज स्वरूप, निदेशक (तकनीकी) मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड।