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कार्यवाहक DGP की तैनाती पर SC की टिप्पणी: 2.5 वर्ष में यूपी के चौथे कार्यवाहक डीजीपी हैं प्रशांत कुमार; पूरी लिस्ट

प्रदेश में पूर्णकालिक डीजीपी नियुक्ति के बजाय कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश उत्तराखंड आंध्र प्रदेश और बंगाल समेत सात राज्यों से नियुक्ति को लेकर जवाब तलब किया है। वहीं उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में ढाई सालों में चार कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति की जा चुकी है। वर्तमान में यह पद आईपीएस प्रशांत कुमार संभाल रहे हैं। पढ़ें इस मामले पर इनसाइड स्टोरी...

By Abhishek Pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Thu, 03 Oct 2024 04:36 PM (IST)
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कार्यवाहक DGP की तैनाती पर SC की टिप्पणी
आलोक मिश्र, लखनऊ। प्रदेश में पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को पद से हटाए जाने के बाद लगातार चार कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए हैं। पूर्णकालिक व कार्यवाहक डीजीपी के चयन को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के अलग-अलग मत रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों से डीजीपी की नियमित नियुक्ति को लेकर जवाब तलब किया है तो एक बार फिर इसे लेकर तकनीकी पहलुओं की समीक्षा शुरू हो गई है।

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह कहते हैं कि

कई बार डीजीपी के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग को पैनल के नाम भेजने व उस प्रक्रिया को पूरा करने में विलंब के चलते राज्य सरकार कार्यवाहक डीजीपी की व्यवस्था कर लेती हैं। राज्य सरकार की अपनी अनिवार्यताएं होती हैं। देखना होगा कि इस मामले में राज्य सरकार क्या पक्ष रखती है।

प्रदेश में वर्ष 2017 में भाजपा सरकार के गठन के बाद अब तक सात वर्षों में आठ डीजीपी बने हैं। 24 अप्रैल, 2017 को सबसे पहले सुलखान सिंह डीजीपी बने थे। उनके बाद ओपी सिंह व हितेश चंद्र अवस्थी ने यह कुर्सी संभाली।

आइपीएस प्रशांत कुमार बने थे चौथे कार्यवाहक डीजीपी

दो जुलाई, 2021 को मुकुल गोयल वर्तमान सरकार में चौथे डीजीपी बने थे जिन्हें कुछ गंभीर आरोपों के चलते 11 मई, 2022 को पद से हटा दिया गया था। इसके बाद डा.देवेन्द्र सिंह चौहान को पहला कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। चौहान के बाद डॉ.आरके विश्वकर्मा व विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए। विजय कुमार के बाद एक फरवरी को 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी प्रशांत कुमार ने चौथे कार्यवाहक डीजीपी के रूप में पुलिस की कमान संभाली थी।

बीते 17 वर्षों में बतौर डीजीपी विक्रम सिंह का कार्यकाल सबसे लंबा रहा। वह लगभग 27 माह डीजीपी रहे। पूर्व डीजीपी ओपी सिंह ने भी लगभग दो वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। वही कई पूर्व डीजीपी का कार्यकाल कुछ माह का ही रहा। इनमें पूर्व डीजीपी अरुण कुमार केवल एक माह ही इस कुर्सी पर रहे।

डीजीपी के चयन में केवल वरिष्ठता जरूरी नहीं

पूर्व डीजीपी बृजलाल ने बताया-

डीजीपी के चयन में संघ लोक सेवा आयोग की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। डीजीपी के चयन में केवल वरिष्ठता ही नहीं बल्कि उपयुक्तता की बड़ी भूमिका होती है। पूर्व में मुख्यमंत्री के स्तर पर ही डीजीपी का चयन होता था।

सामान्य परिस्थितियों में नहीं होना चाहिए कार्यवाहक का चयन

पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने बताया-

राज्य सरकार को समय रहते वरिष्ठता क्रम में अधिकारियों के नामों की सूची संघ लोक सेवा आयोग को भेजनी चाहिए। सामान्य परिस्थितियों में कार्यवाहक डीजीपी का चयन नहीं होना चाहिए। डीजीपी के चयन में वरिष्ठता के साथ योग्यता, प्रतिभा व काम करने की क्षमता बेहद महत्वपूर्ण है। फील्ड में हर तरह का अनुभव रखने वाले को ही डीजीपी नियुक्त किया जाना चाहिए।

UP DGP List

पूर्व डीजीपी नियुक्ति कार्यकाल पूर्ण
जीएल शर्मा 15 मार्च, 2007 23 जून, 2007
विक्रम सिंह 23 जून, 2007 23 सितंबर, 2009
कर्मवीर सिंह 23 सितंबर, 2009 31 अगस्त, 2011
 आरके तिवारी 31 अगस्त, 2011 30 सितंबर, 2011 
बृजलाल एक अक्टूबर, 2011 आठ जनवरी, 2012 
अतुल आठ जनवरी, 2012  19 मार्च, 2012
एसी शर्मा 19 मार्च, 2012 12 अप्रैल, 2013
देवराज नागर 12 अप्रैल, 2013 31 दिसंबर, 2013 
रिजवान अहमद 31 दिसंबर, 2013 28 फरवरी, 2014 
आनन्द लाल बनर्जी 28 फरवरी, 2014 31 दिसंबर, 2014 
अरुण कुमार गुप्ता एक जनवरी, 2015 31 जनवरी, 2015 
अरविंद कुमार जैन 31 जनवरी, 2015 30 जून, 2015 
जगमोहन यादव 30 जून, 2015 31 दिसंबर, 2015
जावीद अहमद एक जनवरी, 2016 22 अप्रैल, 2017 
सुलखान सिंह 24 अप्रैल, 2017 31 दिसंबर, 2017
ओपी सिंह  23 जनवरी, 2018 31 जनवरी, 2020 
हितेश चंद्र अवस्थी 31 जनवरी, 2020 30 जून, 2021 
मुकुल गोयल दो जुलाई, 2021 11 मई, 2022 
देवेन्द्र सिंह चौहान 12 मई, 2022 31 मार्च, 2023 
आरके विश्वकर्मा 31 मार्च, 2023 31 मई, 2023 
विजय कुमार 31 मई, 2023 31 जनवरी, 2024
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