उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में नहीं चला अखिलेश का PDA कार्ड, 2 पर सिमटी सपा, हाथ से फिसली 2 और सीटें
यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा के हिस्से सिर्फ दो सीटें आई हैं। समाजवादी पार्टी का पीडीए (पिछड़ा दलित व अल्पसंख्यक) का फॉर्मूला कामयाब नहीं हो सका है। सपा ने पीडीए के फॉर्मूले व मुस्लिम वोट बैंक के मद्देनजर सर्वाधिक चार मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था जिसमें से सिर्फ सीसामऊ से नसीम सोलंकी जीत सकीं। बाकी करहल सीट से तेज प्रताप यादव जीते हैं।
मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का ''पीडीए'' (पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक) का फॉर्मूला कामयाब नहीं हो सका है। ''पीडीए'' के बिखरने से उपचुनाव में सपा पिछले विधानसभा चुनाव में जीती कुंदरकी व कटेहरी की सीटों से भी हाथ धो बैठी है।
जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें से सीसामऊ, कुंदरकी, करहल व कटेहरी की सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने जीत दर्ज की थी। उपचुनाव में सपा सीसामऊ व करहल की सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी है।
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव को लेकर इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ''बटेंगे तो कटेंगे'' बयान के बाद शुरू हुई जुबानी जंग के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ''जुड़ेंगे तो जीतेंगे'' का नारा देकर चुनाव को रोचक बना दिया था।
डिंपल ने भी जनसभाएं की, लेकिन काम नहीं आया
उपचुनाव के दौरान अखिलेश यादव व उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी लगभग सीटों पर रोड शो व जनसभाएं करके चुनाव प्रचार किया, लेकिन उसका असर चुनाव परिणाम पर नहीं दिखाई दिया। उपचुनाव के परिणाम ने लोकसभा चुनाव में हुई सपा की जीत का स्वाद भी फीका कर दिया है।
सपा सिर्फ दो सीटों पर ही जीत सकी
सपा ने पीडीए के फॉर्मूले व मुस्लिम वोट बैंक के मद्देनजर सर्वाधिक चार मुस्लिम उम्मीदवारों, कुंदरकी से मोहम्मद रिजवान, फूलपुुर से मुस्तफा सिद्दीकी, सीसामऊ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी व मीरापुर से सुम्बुल राणा को चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें से सीसामऊ से नसीम सोलंकी ही चुनाव जीत पाई हैं, जबकि तीन को हार का सामना करना पड़ा है।
सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाली सीट कुंदरकी में भाजपा को छोड़कर अन्य दलों ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इसका लाभ भाजपा के रामवीर सिंह ठाकुर को मिला। मुस्लिम वोट बैंक बंट गया और तुर्क मुसलमानों ने भाजपा का साथ दिया। इसके चलते कुंदरकी में 31 वर्षों बाद भाजपा को जीत नसीब हो सकी है।
इसे भी पढ़ें- UP By Election Results: यूपी उपचुनाव में नहीं चली सपा की 'साइकिल', क्या है वजह; 3 प्वॉइंट्स में समझें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।