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UP Bypoll Result: अपनी ये दो सीटें हार गई सपा, क्या मुस्लिमों ने भी नहीं दिया साथ? अखिलेश ने कह डाली बड़ी बात

सपा का पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) फॉर्मूला उपचुनाव में नाकाम रहा। सपा ने मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए चार मुस्लिम उम्मीदवार उतारे लेकिन कुंदरकी और कटेहरी जैसे गढ़ भी गंवा दिए। भाजपा ने बटेंगे तो कटेंगे रणनीति से फायदा उठाया। करहल में सपा के तेज प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की। हार पर अखिलेश यादव ने संघर्ष जारी रखने की बात कही और जुड़ेंगे तो जीतेंगे नारे को दोहराया।

By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 23 Nov 2024 08:33 PM (IST)
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सीएम योगी और अखिलेश यादव - फाइल फोटो।
मनोज त्रिपाठी, लखनऊ। प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी का ''''पीडीए'''' (पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक) का फार्मूला कामयाब नहीं हो सका है। ''''पीडीए'''' के बिखरने से उपचुनाव में सपा पिछले विधानसभा चुनाव में जीती कुंदरकी व कटेहरी की सीटों से भी हाथ धो बैठी है। जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुए हैं उनमें से सीसामऊ, कुंदरकी, करहल व कटेहरी की सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने जीत दर्ज की थी।

प्रदेश में उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ''''बटेंगे तो कटेंगे'''' बयान के बाद शुरू हुई जुबानी जंग के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ''''जुड़ेंगे तो जीतेंगे'''' का नारा देकर चुनाव को रोचक बनाया लेकिन नतीजों ने लोकसभा चुनाव में उनकी जीत का स्वाद फीका कर दिया है।

सपा ने मुस्लिम वोट बैंक के मद्देनजर सर्वाधिक चार मुस्लिम उम्मीदवारों, कुंदरकी से मोहम्मद रिजवान, फूलपुुर से मुस्तफा सिद्दीकी, सीसामऊ से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी व मीरापुर से सुम्बुल राणा को चुनावी मैदान में उतारा था। इनमें से सीसामऊ में सपा की नसीम सोलंकी ही 8,564 मतों से चुनाव जीत सकीं।

सर्वाधिक 64 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाली सीट कुंदरकी में भाजपा को छोड़ अन्य दलों ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जिससे मुस्लिम वोट तो बंटा ही तुर्क मुसलमानों ने भी सपा का साथ नहीं दिया। यही कारण रहा कि सपा के मोहम्मद रिजवान 1,44,791 मतों से हार गए।

गौर करने की बात यह है कि इस सीट पर 31 वर्षों से सपा या अन्य दलों का कब्जा रहा है। सपा को दूसरा बड़ा झटका कटेहरी सीट पर लगा है। यहां सपा सांसद लाल जी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा 25 हजार से अधिक मतों से हार गईं। गाजियाबाद, खैर, फूलपुर, मझवां व मीरापुर की सीटों पर भी वंचित समाज के वोट बैंक के बिखरने की वजह से सपा के ''''पीडीए'''' का फार्मूला कामयाब नहीं हो सका है।

करहल में सैफई परिवार की लड़ाई में तेज प्रताप ने मारी बाजी

सपा के गढ़ करहल में हुई करीबी लड़ाई में अखिलेश के भतीजे व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के दामाद तेज प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है। इस सीट पर भाजपा ने अखिलेश के बहनोई अनुजेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया था। रिश्तेदारों की लड़ाई को लेकर इस सीट पर सभी की नजरें थीं। नजदीकी लड़ाई में 14,725 मतों से जीत दर्ज कर तेज प्रताप ने एक बार फिर करहल में साइकिल दौड़ा दी है। पिछले चुनाव में अखिलेश यादव ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को हराकर इस सीट से चुनाव जीता था।

हार के बाद बोले अखिलेश अब शुरू हुआ है असली संघर्ष

उपचुनाव में सात सीटें हारने के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इंटरनेट मीडिया के प्लेटफार्म ''''एक्स'''' पर लिखा है कि अब तो असली संघर्ष शुरू हुआ है। उन्होंने लिखा है कि ''''इलेक्शन को करप्शन'''' का पर्याय बनाने वालों के हथकंडे तस्वीरों में कैद होकर दुनिया के सामने उजागर हो चुके हैं। देश व प्रदेश ने इस उपचुनाव में चुनावी राजनीति का सबसे विकृत रूप देखा। असत्य का समय हो सकता है, लेकिन युग नहीं। ''''बांधो मुट्ठी तानो मुट्ठी'''' और ''''पीडीए'''' का करो उद्घोष ''''जुड़ेंगे तो जीतेंगे''''।

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