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    UP Cabinet Decision: योगी कैबिनेट की बैठक में वाराणसी जिले को मिली सौगात, सिगरा स्टेडियम पर बड़ा एलान

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 03:27 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में वाराणसी जिले के सिगरा स्टेडियम के विकास को लेकर बड़ा एलान हुआ। इस फैसले से स्टेडियम की सुविधाओं में सुधार होगा और खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण मिल सकेगा। सरकार के इस कदम से वाराणसी में खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए वाराणसी के डा. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा को नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने और उसके संचालन, प्रबंधन व रखरखाव की जिम्मेदारी भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को सौंपने के एमओयू को स्वीकृति दे दी है।

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    इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, ट्रेनिंग कैंपों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने की पूरी अवधि आवागमन समेत अब नियुक्त खिलाड़ियों की सेवा अवधि (ड्यूटी) मानी जाएगी।

    वाराणसी का यह वही स्टेडियम है जहां ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत आधुनिक खेल अवअवसंरचना विकसित की गई है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अब स्टेडियम परिसर की सभी सुविधाएं भवन, ढांचे, मैदान और अन्य व्यवस्थाएं साई को सौंपी जाएंगी।

    साई यहां राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगा, जिसमें खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिलेगा। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू होने के बाद हर वर्ष करीब 180 खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय ट्रेनिंग दी जाएगी। बाक्सिंग, कुश्ती, तलवारबाजी और शूटिंग जैसे खेलों में उभरते खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    इस पर लगभग 13.50 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय प्रस्तावित है। देशभर में साई के 23 उत्कृष्टता केंद्र चल रहे हैं, जिनमें वाराणसी का यह केंद्र नया जुड़ाव होगा।

    वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस पहल से यूपी की प्रतिभा को बड़ा मंच मिलेगा, खिलाड़ियों का करियर मजबूत होगा और वाराणसी देश के प्रमुख खेल शहरों में शामिल हो जाएगा। जल्द ही यहां इन खेलों का उत्कृष्ट प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।

    विभागों में नियुक्त खिलाड़ियों की पूरी अवधि अब ‘ड्यूटी’

    अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों की वर्षों पुरानी समस्या खत्म करते हुए साफ कर दिया है कि प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण के दौरान की पूरी अवधि ड्यूटी मानी जाएगी।

    अब तक ‘अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022’ में इस बारे में स्पष्ट प्रविधान न होने से खिलाड़ियों को अनुमति लेने में दिक्कत होती थी। उन्हें इसके लिए छुट्टी लेनी पड़ती थी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत नियुक्त खिलाड़ी जब भी राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, प्रशिक्षण शिविर या कैंप में भाग लेंगे, उसकी पूरी अवधि सेवा अवधि मानी जाएगी।

    यात्रा में लगा समय भी इसमें शामिल होगा। अपने विभागाध्यक्ष से अनुमति लेकर वह प्रतियोगिता या शिविर के लिए जा सकेंगे। इससे खिलाड़ियों को तैयारी और प्रतियोगिताओं में भाग लेने में कोई प्रशासनिक बाधा नहीं आएगी और प्रदेश का प्रतिनिधित्व भी और मजबूत होगा।