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UP News: 'सीधे शासन न भेजे निलंबन प्रस्ताव', ग्राम्य विकास विभाग का यूपी के सभी जिलों को निर्देश

ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों को किसी भी तरह की निलंबन व अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है। कहा है क‍ि जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपने प्रस्ताव सीधे शासन को न भेजकर आयुक्त को भेजे जाएं ताकि वे इन प्रस्तावों का परीक्षण अपने स्तर पर कर सकें।

By Anand Mishra Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 23 Sep 2024 08:53 AM (IST)
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ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव हिमांशु कुमार।- सोशल मीड‍िया

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। ग्राम्य विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव हिमांशु कुमार ने सभी मंडलायुक्तों, जिला अधिकारियों व मुख्य विकास अधिकारियों को किसी भी तरह की निलंबन व अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने का निर्देश दिया है।

साफ कहा है कि जिलों में तैनात ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रथम नियंत्रक अधिकारी उनके विभागाध्यक्ष (आयुक्त, ग्राम्य विकास विभाग) हैं। ऐसे में जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अपने प्रस्ताव सीधे शासन को न भेजकर आयुक्त को भेजे जाएं, ताकि वे इन प्रस्तावों का परीक्षण अपने स्तर पर कर सकें और अपनी टिप्पणी के साथ पूर्ण प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करा सकें।

अपर मुख्‍य सच‍िव ने जारी क‍िए द‍िशा न‍िर्देश

अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि प्राय: यह देखा जा रहा है कि जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों (मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी) द्वारा मंडल व जिलों में तैनात ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध निलंबन व अनुशासनिक कार्रवाई किए जाने के प्रस्तावों पर अपनी संस्तुति सीधे ही शासन को प्रेषित कर दी जाती है। ऐसे पत्रों के साथ सुस्पष्ट आरोप पत्र, समुचित साक्ष्य की सूची भी नहीं भेजी जाती है। उपरोक्त स्थिति प्रशासनिक अनुशासन के अनुकूल नहीं है।

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