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    योगी सरकार का बड़ा फैसला, दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों का संचालन अब राज्य सरकार करेगी

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 04:11 PM (IST)

    योगी सरकार ने दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) स्थापित किए जाएंगे, जिनका संचालन राज्य सरकार करेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन केंद्रों पर दिव्यांगों को स्वास्थ्य सेवाएं, कृत्रिम अंग और कौशल प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनका जीवन सुगम होगा।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिए योगी सरकार प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों (डीडीआरसी) की स्थापना और संचालन का जिम्मा उठााएगी। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इसके प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। इन केंद्रों के पूरी क्षमता से संचालन के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

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    सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजन के लिए प्रदेश के 37 जिलों में ही डीडीआरसी का संचालन भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। वहीं अंबेडकर नगर में स्थापित एक डीडीआरसी का संचालन एनटीपीसी द्वारा वित्त पोषण कर किया जा रहा है।

    इन 37 केंद्रों में से 11 केंद्र मंडल मुख्यालय पर स्थापित हैं। इन केंद्रों पर दिव्यांगों को स्वास्थ्य सेवाएं, कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण और कौशल प्रशिक्षण जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

    काफी समय से भारत सरकार से नियमित अनुदान प्राप्त न होने और विशेषज्ञ कर्मचारियों के लिए मानदेय की दरें कम होने के कारण इन केंद्रों का संचालन सही से नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा मंडल मुख्यालयों पर स्थापित केंद्रों का संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किए जाने का प्रस्ताव रखा गया था।

    13 अक्टूबर को विभागीय की ओर मुख्यमंत्री के समक्ष विभागीय कार्ययोजना का भी प्रस्तुतिकरण किया गया था। अब कैबिनेट से स्वीकृति के बाद प्रत्येक मंडल मुख्यालय पर एक केंद्र के हिसाब से 18 डीडीआरसी की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किया जाएगा।

    दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने कहा कि सरकार का निर्णय दिव्यांगों को दी जा रही सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुगम और प्रभावी बनाएगा।

    दिव्यांगजन का सर्वेक्षण एवं चिह्नांकन, दिव्यांग शिविरों का आयोजन, सहायक उपकरणों की मरम्मत, कृत्रिम अंगों का निर्माण, दिव्यांग प्रमाण-पत्र, यूडीआइडी कार्ड जारी करने की प्रक्रिया इन केंद्रों के माध्यम से संचालित होगी। केंद्रों में परामर्श, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी आदि सेवाएं भी उपलब्ध्ध कराई जाएंगीं।