यूपी के 9 जिलों को योगी सरकार की बड़ी सौगात, विस्तारीकरण पर खर्च होंगे 1285 करोड़ रुपये
यूपी के 9 जिलों को योगी सरकार की बड़ी सौगात मिली है। शहरी विस्तारीकरण की योजना के लिए 1285 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त की गई है। इस राशि से सहारनपुर मथुरा-वृन्दावन फिरोजाबाद-शिकोहाबाद लखनऊ मुरादाबाद खुर्जा बांदा और मेरठ विकास प्राधिकरणों तथा आवास एवं विकास परिषद की 14 परियोजनाओं पर काम होगा। इस योजना से शहरों के सुनियोजित विकास में मदद मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के नौ जिलों में शहरों के विस्तारीकरण की योजना के लिए कैबिनेट की बैठक में 1,285 करोड़ रुपये की राशि अवमुक्त किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नए शहरों के प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई योजना के तहत भूमि अर्जन पर 20 वर्षों के अवधि के लिए 50 प्रतिशत का व्यय सीड कैपिटल के रूप में राज्य सरकार करेगी।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि नए शहरों के विकास के लिए सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में तीन हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रविधान किया है। यह राशि सहारनपुर, मथुरा-वृन्दावन, फिरोजाबाद-शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, खुर्जा, बांदा व मेरठ विकास प्राधिकरणों तथा आवास एवं विकास परिषद की 14 परियोजनाओं पर खर्च की जाएगी।
उन्होंने बताया कि इससे शहरों के विस्तारीकरण व नए शहरों को विकसित करने में संबंधित प्राधिकरणों को आसानी होगी। साथ ही संबंधित शहरों में लोगों को ज्यादा से ज्यादा आवास उपलब्ध हो सकेंगे। इस योजना के तहत शहरों के सुनियोजित विकास में भी मदद मिलेगी।
अयोध्या में बनाया जाएगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
अयोध्या में 100 एमएलडी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (जल उपचार संयंत्र) का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मांझा व जमथरा गांव सहित अयोध्या की तीन हेक्टेयर से ज्यादा नजूल की भूमि नगर विकास विभाग को हस्तांतरित की जाएगी। इस संबंध में कैबिनेट की बैठक में पेश किए गए प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। साथ ही नगर पालिका परिषद पीलीभीत की नजूल की 1,880 वर्ग मीटर भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई है।
गारंटी मोचन निधि का सृजन करेगी सरकार
केंद्रीय वित्त आयोग, भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक तथा रिजर्व बैंक की संस्तुति पर कैबिनेट की बैठक में गारंटी मोचन निधि (गारंटी रिडम्प्शन फंड) के सृजन को स्वीकृति प्रदान की गई है। सरकार इस फंड में फिलहाल 8,170 करोड़ रुपये रखेगी। 19 राज्यों में पहले ही इस फंड का सृजन किया जा चुका है।वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने वाले सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों, निगमों, सहकारी संस्थाओं तथा विभागों के डिफाल्टर होने पर इस फंड से सरकार संबंधित संस्था के ऋण की अदायगी करेगी।
उन्होंने बताया कि इस निधि के गठन के बाद निवेशकों के मध्य एक सार्थक संदेश जाएगा। साथ ही कम ब्याज दर पर सहकारी संस्थाओं को ऋण उपलब्ध होगा। वहीं ऋण की अदायगी करने पर राज्य सरकार के ऊपर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। साथ ही विभिन्न कार्यों के लिए सहकारी संस्थाओं को ऋण लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इस फंड के लिए हर वर्ष सरकार की तरफ से 1,634 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।
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