पराली जलाने वालों पर प्रशासन सख्त, पांच से 30 हजार रुपये तक लग सकता है जुर्माना
महराजगंज में धान की कटाई के साथ पराली जलाने की घटनाओं पर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। तहसीलदार कर्ण सिंह ने लेखपालों को पराली जलाने वालों पर तत्काल जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। एनजीटी के नियमों के तहत, उल्लंघन करने वालों पर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। किसानों से पराली न जलाने और पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने की अपील की गई है।

जागरण संवाददाता, महराजगंज। धान की कटाई का कार्य जोरों पर है, लेकिन इसी के साथ पराली जलाने की घटनाएं भी तेजी से सामने आ रही हैं। पर्यावरण प्रदूषण और मिट्टी की उर्वरता को नुकसान से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है।
तहसीलदार कर्ण सिंह ने सभी लेखपालों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करें और जहां भी पराली जलाने की घटना मिले, वहां तुरंत क्षतिपूर्ति एवं दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम (एनजीटी) की धारा-24 एवं 26 के तहत पराली जलाने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। दो एकड़ से कम क्षेत्र में पराली जलाने पर पांच हजार, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार, और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में पराली जलाने पर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा।
पराली जलाना न केवल वायु प्रदूषण को बढ़ाता है, बल्कि खेतों की मृदा उर्वरता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। किसानों से अपील की कि वे पराली जलाने के बजाय पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाएं।
हर गांव स्तर पर निगरानी टीमें गठित की जा रही हैं, जो पराली जलाने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर सकेंगी। प्रशासन का उद्देश्य पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करना और किसानों को इसके प्रति जागरूक करना है।
पराली जलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई, लगेगा जुर्माना

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