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मऊ के बुनकरों को सरकार का तोहफा! सौर ऊर्जा संयंत्र पर 50 प्रतिशत का अनुदान; पढ़ें योजना के लिए कौन से दस्तावेज जरूरी

मऊ के पावरलूम बुनकरों के लिए खुशखबरी! सरकार मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना के तहत 50% अनुदान दे रही है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए बुनकरों को हथकरघा आयुक्त कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें निर्धारित क्षमता के अनुसार संयंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए लेख पढ़ें।

By Jaiprakash Nishad Edited By: Riya Pandey Updated: Wed, 16 Oct 2024 02:09 PM (IST)
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बुनकरों के लिए संजीवनी बनेगी सौर ऊर्जा योजना
जागरण संवाददाता, मऊ। सरकार द्वारा पावरलूम बुनकरों के कल्याण के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा योजना संजीवनी बनेगी। इसके तहत मऊ परिक्षेत्र के बुनकरोें के पावरलूम संचालन के लिए सरकार 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए बुनकरों को विभाग में सारी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुुए आवेदन करना होगा।

आवेदन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें निर्धारित क्षमता के अनुसार संयंत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए जनपद में प्रथम चक्र में 19 संयंत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें पांच केवीए के तीन, छह केवीए के तीन, आठ केवीए के तीन, दस केवीए के दो, 12 केवीए के तीन, 15 केवीए के दो, 20 केवीए का एक, 25 केवीए का एक संयंत्र शामिल हैं। यह संयंत्र मुख्यमंत्री बुनकर सौर ऊर्जा योजना के तहत प्रदान किया जाएगा।

बिजली नहीं रहने कारोबार पर असर

मऊ परिक्षेत्र में (आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर व बलिया) जनपद आते हैं। यहां करीब 48 हजार 566 बुनकर हैं। इसमें 15 हजार के करीब हथकरघा व 33 हजार 566 के करीब पावरलूम बुनकर हैं। ऐसे में बिजली नहीं रहने से बुनकरों के पावरलूम बंद रहते हैं। इसकी वजह से उनका कारोबार प्रभावित होता है।

मऊ परिक्षेत्र के बुनकर, समिति, यूनिट इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी कार्यदिवस में योजना की गाइडलाइन के अनुसार आवेदन हेतु कार्यालय सहायक आयुक्त, उद्योग हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग परिक्षेत्र-मऊ से संपर्क कर सकते है। योजना में सामान्य पावरलूम बुनकर के लिए 50 प्रतिशत शासकीय अनुदान एवं शेष 50 प्रतिशत स्वयं अपने स्रोतों से जमा करना पड़ेगा।

प्रदूषण से भी मिलेगा छुटकारा

नियमित विद्युत आपूर्ति के अभाव में अधिकांश बुनकरों द्वारा डीजल, जेनरेटर का उपयोग पावरलूम के संचालन प्रयोग करते हैं। इसके कारण वायु प्रदूषण का संकट बढ़ता है एवं उत्पादन की लागत में वृद्धि होती है। इसको संज्ञान में लेते हुए शासन ने बुनकरों को गैर पारंपरिक सौर उर्जा का लाभ दिलाने के लिए कदम उठाया है। पर्यावरण की रक्षा एवं बुनकरों के उत्पादन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए अनुदानित दर पर यूपी नेडा के माध्यम से सौर ऊर्जा संयत्र दिए जाएंगे।

अनुसूचित जाति के लिए मात्र 25 फीसद करना होगा भुगतान

अनुसूचित जाति-जनजाति के हथकरघा बुनकर हेतु योजना में 75 प्रतिशत शासकीय अनुदान एवं शेष 25 प्रतिशत स्वयं के स्रोतों से जमा करना पड़ेगा। प्रथम चरण में आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। किसी भी कार्यदिवस में कार्यालय में उपलब्ध होकर योजना का लाभ ले सकते हैं।

योजना के लिए यह लगेंगे दस्तावेज

  • बिजली कनेक्शन का सर्टिफिकेट
  • आधारकार्ड की फोटोकापी
  • बैंक का एकाउंट नंबर
  • एसएसआई (स्माल स्केल इंडस्ट्रीज) का रजिस्ट्रेशन
  • जीएसटी का रजिस्ट्रेशन प्रपत्र
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