यूपी के मऊ जिले में तहसीलदार और उपजिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर दो महिलाओं के नाम से भूमि आवंटन का फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में तहसील प्रशासन ने दो लेखपालों को निलंबित कर दिया है। साथ ही कंप्यूटर आपरेटर का अनुबंध समाप्त कर दिया है। वहीं प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। तहसीलदार ने कहा कि जांच चल रही है। कोई बख्शा नहीं जाएगा।
संवाद सूत्र, मधुबन (मऊ)। रमऊपुर में तहसीलदार और उपजिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर दो महिलाओं के नाम से भूमि आवंटन का फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में तहसील प्रशासन ने दो लेखपालों को निलंबित कर दिया है। साथ ही कंप्यूटर आपरेटर का अनुबंध समाप्त कर दिया है। वहीं, प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
क्षेत्र के रमऊपुर में आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए नवीन परती की भूमि को प्रधान निर्मला देवी ने चिह्नित किया था। इस बीच इसकी भनक गांव के ही कुछ लोगों को लग गई और उन्होंने दो महिलाओं के नाम पर तहसील कर्मियों की मिलीभगत से लगभग चार वर्ष पूर्व की तिथि में भूमि आवंटन का फर्जी दस्तावेज ही नहीं तैयार कराया, बल्कि उस पर चार वर्ष पूर्व में तैनात रहे तत्कालीन उपजिलाधिकारी लाल बाबू दुबे और तहसीलदार आनंद कन्नौजिया का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर आवंटन के दस्तावेज को स्वीकृति भी प्रदान कर दी।
फर्जीवाड़े की जानकारी होते ही प्रधान प्रतिनिधि धर्मू यादव, बीडीसी सदस्य अरविंद चौहान सहित ग्रामीणों ने प्रकरण की जांच के लिए तहसील प्रशासन के साथ उच्चाधिकारियों का दरवाजा खटखटाया तो तहसील में हड़कंप मच गया। प्रकरण की जांच की मांग को लेकर बीते शुक्रवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था।
इस मामले में प्रथमदृष्टया लेखपाल आशुतोष राय व अरुणेंद्र यादव की संलिप्तता उजागर होने पर तहसीलदार डा. धर्मेंद्र पांडेय की रिपोर्ट पर उपजिलाधिकारी अखिलेश कुमार यादव ने दोनों को निलंबित कर दिया है। साथ ही कंप्यूटर आपरेटर विवेक गुप्त का अनुबंध समाप्त करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है।
भूमि आवंटन के मामले में प्रथमदृष्टया लेखपाल आशुतोष राय व अरुणेंद्र यादव को संदिग्ध पाया गया है। इनको निलंबित कर दिया गया है तथा कंप्यूटर आपरेटर विवेक गुप्त का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। जांच चल रही है। कोई बख्शा नहीं जाएगा।
- डा.धर्मेंद्र पांडेय, तहसीलदार मधुबन मऊ
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