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अंगों की तस्करी का आरोप लगाकर रिटायर्ड अफसर को पांच द‍िनों तक क‍िया डिजिटल अरेस्ट, 15 लाख ठगे; जांच में जुटी पुल‍िस

साइबर ठगों ने इस बार सीडीए के रिटायर्ड अफसर को निशाना बनाया है। उन्‍हें पांच दिनों तक उनके घर पर ही डिजिटल अरेस्ट कर खाते से 15 लाख की रकम ट्रांसफर करा ली। एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। ट्रांसफर की गई रकम को फ्रीज कराने के लिए बैंकों में मेल भेज दी गई है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Fri, 15 Nov 2024 12:34 PM (IST)
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सीडीए के रिटायर्ड अफसर को ड‍िजि‍टल अरेस्‍ट कर ठगा।
जागरण संवाददाता, मेरठ। पूर्व बैंक अधिकारी सूरज प्रकाश को डिजिटल अरेस्ट कर 1.74 करोड़ रुपये ठगी के बाद साइबर ठगों ने इस बार सीडीए के रिटायर्ड अफसर को निशाना बनाया है। अफसर को पांच दिनों तक उनके घर पर ही डिजिटल अरेस्ट किया गया। पत्नी घर पर मौजूद होने के बाद भी उन्हें नहीं बताया गया। पुलिस की वर्दी पहने साइबर ठगों ने पांच दिन बाद अफसर के खाते से 15 लाख की रकम ट्रांसफर करा ली। तब अफसर ने पूरे मामले को परिवार से अवगत कराया। रिटायर्ड अफसर को बताया कि मानव अंगों की तस्करी में उनका नाम सामने आ रहा है। उनके बेटे ने साइबर थाने में शिकायत की है।

मेरठ निवासी 78 वर्षीय बुजुर्ग सीडीए से रिटायर्ड हैं। आठ नवंबर को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को साइबर क्राइम अफसर दीपक यादव बताया। वीडियो कॉल पर दीपक यादव ने पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। उसने रिटायर्ड अफसर से कहा कि उनका गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। मानव अंगों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने 17 बच्चों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है। उनके अंग अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों की रकम में बेचे गए हैं। बच्चों के स्वजन को शव सौंपने के लिए भी 68 लाख की फिरौती वसूली गई है। यह रकम आपके एचडीएफसी बैंक खाते में जमा कराई गई। इतना सुनते ही बुजुर्ग घबरा गए। इसी का फायदा उठाकर साइबर अपराधियों ने उनसे निजी जानकारी ले ली।

इसके बाद आठ नवंबर को उन्हें वीडियो काल पर लेकर घर के अंदर ही डिजिटल अरेस्ट कर लिया। वीडियो में पीछे पूरा बैकग्राउंड घर से बाहर जाने और किसी से मिलने पर बड़ी मुसीबत में फंसने का डर दिखाया गया। लगातार वीडियो कॉल कर उन्हें अपनी निगरानी में रखा गया। उन्हें उनका आधार कार्ड और अन्य कागजात भी वीडियो कॉल पर दिखाए गए। बुजुर्ग ने डर की वजह से परिजनों को भी इसकी जानकारी नहीं दी।

साइबर अपराधियों ने कहा कि यदि आप हमारे खाते में 15 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करते हैं तो हम इस मुसीबत से निकलने में आपकी मदद करेंगे। पांच दिनों तक घर के अंदर कैद होने पर 12 नवंबर को उन्होंने अपने खाते से 15 लाख रुपये आरोपितों के बताए बैंक खाते में भेज दिए। उनके स्पोर्ट्स कारोबारी पुत्र राहुल ने साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी। एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। ट्रांसफर की गई रकम को फ्रीज कराने के लिए बैंकों में मेल भेज दी गई है।

डिजिटल अरेस्ट गैंग का शिकार बनने से बाल-बाल बचे अधिवक्ता

उधर, मेरठ कचहरी में प्रेक्टिस करने वाले अधिवक्ता राशिद ने बताया कि गुरुवार दोपहर उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। खुद को पुलिस का बड़ा अफसर बताने वाले कालर ने बताया कि उनकी बेटी को पुलिस ने ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बेटी से बात कराने को कहा तो बेटी जैसी आवाज में एक आवाज आई जो पापा मुझे बचा लो की बात कह रही थी। खुद को पुलिस अधिकारी बताने वाले कालर ने कहा वह इस मामले से बेटी को बचाना चाहता है उनकी मांग पूरी करें तथा फोन न रखें।

राशिद इस कॉल के दौरान कचहरी में थे। उन्होंने साथी अधिवक्ताओं को फोन काल के बारे में बताया। इस पर उन्होंने बेटी को फोन करने की सलाह दी। अधिवक्ता ने बेटी को फोन किया तो उसने तत्काल काल अटैंड कर ली। बताया कि वह पढ़ रही है तथा पूरी तरह सुरक्षित है। इस पर राशिद ने जब कालर से बातचीत का प्रयास किया तो उसने फोन काट दिया। इसके बाद जिस नंबर से काल आयी थी उस पर संपर्क नहीं हो पाया। राशिद ने एसएसपी को शिकायती पत्र देकर जांच कर कार्रवाई की मांग की है।

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