डायबिटीज के 60 प्रतिशत मामलों की वजह है मोटापा... वजन पर करें नियंत्रण और अपनाएं ये टिप्स
विशेषज्ञों के अनुसार मोटापा डायबिटीज का मुख्य कारण है जो 60% मामलों के लिए जिम्मेदार है। अनियमित जीवनशैली और खराब खानपान से यह समस्या बढ़ रही है। भारत को 'डायबिटीज की राजधानी' कहा जा रहा है। मेरठ में भी स्थिति चिंताजनक है। अनियंत्रित डायबिटीज से हृदय रोग और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। बचाव के लिए नियमित जांच, व्यायाम और स्वस्थ आहार जरूरी है।

आरामदेह जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और बिगड़े खानपान ने मोटापा बढ़ाया है। (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, मेरठ। आरामदेह जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और बिगड़े खानपान ने मोटापा बढ़ाया है। मोटापा अब डायबिटीज की सबसे बड़ी वजह बन चुका है। इस वजह से तीन से पांच साल में डायबिटीज के मामले 30 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।
मोटापा इसलिए है घातक : शरीर में अत्यधिक वसा जमा होने, खासकर पेट के आसपास शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोध विकसित कर लेती हैं। जिससे पैंक्रियाज द्वारा बनाया गया इंसुलिन ठीक से काम नहीं कर पाता। ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने से डायबिटीज बन जाती है।
चिंताजनक है मेरठ की स्थिति : शहरी क्षेत्र की लगभग 10 प्रतिशत आबादी डायबिटिक है। यानि 20 लाख की आबादी में दो लाख मरीज डायबिटीज के मौजूद हैं। ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को मिलाकर यह संख्या तीन लाख तक पहुंचती है।
डायबिटीज कितनी है घातक
-अनियंत्रित डायबिटीज के चलते हृदय संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। हार्ट अटैक का खतरा है।
-प्री-डायबिटिक रेटिनोपैथी हो जाती है। आंखों की रोशनी जाने का खतरा है।
-गर्भवती महिलाओं में जीडीएम (गर्भावधि मधुमेह) की समस्या बढ़ रही है। जो जानलेवा है।
-महिलाओं में हड्डियों का फ्रैक्चर बढ़ रहा है। यह स्थिति मीनोपोज के बाद बढ़ रही है।
-15 से 30 साल की उम्र में टाइप-1 व टाइप-2 डायबिटीज है ये पता नहीं चल रहा है।
-अनियंत्रित डायबिटीज के चलते गुर्दा फेल होने के मामलों में वृद्धि हो रही है।
-डायबिटिक फुट अल्सर बढ़ यानी पैरों में सड़कन के मामले बढ़े।
डायबिटिक मामलों की मुख्य वजह है मोटापा
वर्तमान में मोटापा 60 प्रतिशत डायबिटिक मामलों की मुख्य वजह है। मोटापे व डायबिटीज से बचने के लिए चीनी, मैदा, सूजी, पैकेट फूड, जंकफूड, अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट व रिफाइंड युक्त भोजन का सेवन कम कर दें। डायबिटीज है तो चिकित्सक द्वारा बताई इंसुलिन जरूर लें। इससे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। ये धारणा त्याग दें कि डिलीवरी के बाद गर्भावधि मधुमेह की समस्या खत्म हो जाती है। 15 से 30 साल की उम्र्र में डायबिटीज को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत है। बच्चों के टिफिन में प्रोटीन युक्त घर का बना भोजन दें और सात घंटे की नींद जरूरी है। मौनजारो जैसी नई दवाएं वजन और शुगर नियंत्रित करने में कारगर साबित हो रही हैं।-डा. अमित रस्तोगी, हार्मोंस रोग विशेषज्ञ
रोजाना सुबह 10 हजार कदम तेज गति से चलें
डायबिटिक से बचाव के लिए वजन कम करने व शुगर नियंत्रित रखने पर जोर दें। नई दवा मौनजारो पर अभी प्रतिमाह 20 हजार रुपये तक खर्च आ रहा, जो 2026 में पेंटेंट मिलने के बाद प्रति माह ढाई से तीन हजार रुपये लगेंगे। मेरठ में डायबिटीज के लिए प्रदूषण और मोटापा अधिक जिम्मेदार है। मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजन न लें। रोजाना सुबह 10 हजार कदम तेज गति से चलें।-डा. मनमोहन शर्मा, हार्मोंस रोग विशेषज्ञ
चिकनाईयुक्त और ज्यादा तला भुना खानपान से बचें
मोटापे का हार्मोन्स संबंधी कैंसर जैसे ब्रेस्ट, गर्भाशय व प्रोस्टेट के अलावा पेट के कई कैंसरों का खतरा होता है। मोटापा और शुगर दोनों का कैंसर से सीधा संबंध है। चिकिनाईयुक्त और ज्यादा तला भुना खानपान से बचें। मेरठ समेत पश्चिम उप्र में कैंसर रोगियों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ रही है। कोई विशिष्ट लक्षण उभरे तो डाक्टर से मिलें। डा. अमित जैन, कैंसर रोग विशेषज्ञ

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