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    'डॉक्टर मॉड्यूल' खतरनाक, पढ़े-लिखे लोगों को टास्क दे रहे आतंकी, ADG बोले-आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देंगे

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 08:13 AM (IST)

    एडीजी मेरठ जोन ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आतंकवादी डॉक्टर मॉड्यूल बनाकर घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। सहारनपुर के डॉक्टर आदिल की गिरफ्तारी दो महीने की योजना के बाद हुई। पढ़े-लिखे लोगों को आतंकी बनाने के कई मामले सामने आए हैं, इसलिए पश्चिमी यूपी में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। साइबर सेल संदिग्ध अकाउंट्स पर नजर रख रही है और ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से होने वाले संपर्क पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

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    मेरठ जोन के एडीजी भानु भास्कर।

    जागरण संवाददाता, मेरठ। इसबार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल जितने आरोपित गिरफ्त में आए हैं...वो सब डाक्टर हैं...। डॉक्टर मॉड्यूल बनाकर ही वेस्ट देश में आंतकी घटनाएं की जा रही है। चाहे वो सहारनपुर के डॉक्टर आदिल की बात करें, या डॉक्टर उमर की बात कर लें या फिर डॉक्टर परवेज और डॉक्टर शाहीन के नापाक इरादों की। सभी पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है।

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    सहारनपुर में रहने वाले जम्मू कश्मीर की गिरफ्त में डॉक्टर आदिल की गिरफ्तारी को लेकर दो माह से काम चल रहा था। आदिल बारे में पूछे गए सवाल पर एडीजी मेरठ ज़ोन ने कहा कि ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। अभी ऑपरेशन जारी है।

     

    सहारनपुर से डॉक्टर आदिल की गिरफ्तारी को लेकर दो माह से चल रही थी प्लानिंग


    एडीजी भानु भास्कर ने कहा कि जनता के सहयोग की जरूरत है। पढ़े लिखे लोगों के आतंकी बनने के इतिहास पर नजर डालें तो 2024 में में केरल में एक मेडिकल छात्रा को आईएसआईएस के ऑनलाइन सेल से जुड़ने और फंडिंग में मदद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2023 में मुंबई में मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने डार्क वेब से बम बनाने की कोडिंग सीख तीन युवकों को प्रशिक्षण दिया था। 2022 में दिल्ली में एक जूनियर डाक्टर पर कट्टरपंथी समूह को शरण देने का आरोप लगा था। 2021 में बेंगलुरु में आईटी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ने ऑनलाइन विदेशी फंडिंग के जरिए दो लाख डालर की क्रिप्टो करेंसी आतंकी समर्थकों को दी थी।

     

    एडीजी बोले, वेस्ट यूपी में आतंकवाद ने घुसने की कोशिश की, तो मुंह तोड़ जवाब देंगे

     



    एडीजी ने कहा कि वेस्ट यूपी में आतंकवाद ने घुसने की कोशिश की, तो उसका मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने दिल्ली से मेरठ को सीधे कनेक्ट करने वाले रैपिड साउथ स्टेशन पर निगरानी बढ़ा दी है। ताकि आतंकी संगठन रैपिड का उपयोग कर वेस्ट यूपी में भी दसतक दे सकते हैं। सहारनपुर में डाक्टर आदिल और शामली में नौमान की गिरफ्तारी को लेकर अभी कार्रवाई जारी होने की बात कही है। एटीएस और अन्य एजेंसी इस पर काम कर रही है।

    हापुड़ में आतंकी टूड़ा के ठिकानों पर छापामारी की जा रही है। सबसे ज्यादा साइबर और सर्विलांस सेल को निगरानी के आदेश दिए गए है। जोन में संदिग्ध 120 एकाउंट बंद कराए गए है, कुछ अकाउंटों पर नजर रखी जा रही है। इतना ही नहीं आनलाइन गेम का सहारा भी आतंकी संगठन ले सकते है। खेलते खेलते ही कोर्ड वर्ड में बातचीत कर लेते है। इसलिए उस पर भी निगरानी की जा रही है। दरअसल, इस समय पढ़े लिखे युवकों को आतंकी संगठन जाल में फंसाकर उपयोग कर रहे हैं।

    पश्चिमी यूपी में पकड़े गए आतंकी 



    • 19 अक्तूबर 2018: मेरठ कैट का जवान कंचन पाकिस्तान को सूचना भेजते पकड़ा।
    • 27 नवंबर 2015: एसटीएफ ने मेरठ कैंट से आईएसआई एजेंट इजाज को गिरफ्तार किया।
    • 16 अगस्त 2014: मेरठ से संदिग्ध आईएसआई एजेंट आसिफ अली गिरफ्तार।
    • 10 जनवरी 2009: सहारनपुर से आईएसआई एजेंट आमिर अहमद उर्फ भूरा गिरफ्तार।
    • 12 दिसंबर 2008: सीआरपीएफ कैंप में आतंकी हमले से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी फहीम अंसारी गिरफ्तार।
    • 21 जून 2007: बिजनौर में भारी मात्रा में आरडीएक्स के साथ हुजी के दो आतंकी गिरफ्तार।
    • 23 अगस्त 2005: लश्कर-ए-तैयबा के चीफ कोआर्डिनेटर अबु रज्जाक मसूद का मुजफ्फरनगर कनेक्शन मिला था।
    • 10 मार्च 2005 मेरठ से खलील हुसैन शाह नाम का आईएसआई एजेंट गिरफ्तार।
    • 18 अप्रैल 2004 मेरठ से रूबी बेगम नाम की आईएसआई एजेंट गिरफ्तार।
    • 14 मार्च, 2003 : मुजफ्फरनगर से जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकी सज्जाद और इत्तफाकुल गिरफ्तार।
    • 15 जुलाई 2002: मुजफ्फरनगर से एक आईएसआई एजेंट गिरफ्तार।
    • 9 जुलाई 2002: मुरादाबाद से हिज्बुल मुजाहिदीन से ताल्लुक रखने वाले पांच आतंकी गिरफ्तार हुए थे।