Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक और फर्जीवाड़ा, मुरादाबाद समेत यूपी की 20 फर्मों को पास की ITC; SIB खंगाल रही रिकॉर्ड

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 09:45 AM (IST)

    मुरादाबाद में राज्यकर विभाग ने एक बड़े जीएसटी चोरी का पर्दाफाश किया है, जिसमें केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की फर्में शामिल हैं। बोगस इनपुट टैक्स क्रे ...और पढ़ें

    Hero Image

    मेहदी अशरफी, मुरादाबाद। जीएसटी चोरी की ओर बढ़ते मामलों के बीच राज्यकर विभाग के सामने एक और बड़ा फर्जीवाड़ा आया है। यह मामला सिर्फ एक जिले या एक राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि केरल दिल्ली, उत्तर प्रदेश तक फैले बोगस आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के नेटवर्क का है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जांच में पता चला है कि केरल की एक फर्म के माध्यम से दिल्ली की फर्म को और दिल्ली की फर्म के माध्यम से उत्तर प्रदेश की 20 फर्मों को बिना वास्तविक खरीद-बिक्री के करोड़ों रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट पासआन किया है।

    फर्जी बिलिंग चेन के जरिए सरकार को कुल 27.71 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है। मुरादाबाद की एसआइबी (राज्यकर विशेष अनुसंधान शाखा) पूरे नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इसमें और भी कई फर्में और बिचौलिये जुड़े होने की आशंका है। जिनकी जानकारी जुटाई जा रही है। फर्जी बिलिंग और टैक्स चोरी अब मल्टी-स्टेट सिंडिकेट के रूप में काम कर रही है।

    मुरादाबाद जोन राज्यकर के अपर आयुक्त ग्रेड-टू एसआइबी आरए सेठ के अनुसार, केरल इडुक्की की फर्म जीके ट्रेडर्स है। इसका पंजीयन 21 दिसंबर 2024 को आयरन एवं स्टील में कराया गया। इसका टर्नओवर (दिसंबर 2024 से मार्च 2025 तक) 154.73 करोड़ रुपये हो गया।

    इसने 27.35 करोड़ रुपये बोगस आइटीसी दिल्ली की फर्म को कर दी। जांच में यह साफ हुआ कि इस फर्म ने आयरन-स्टील की बिक्री दिखाकर करोड़ों की आइटीसी पासआन की है। जबकि 2-ए रजिस्टर में किसी भी असली आपूर्तिकर्ता से खरीद का रिकार्ड पोर्टल पर नहीं मिला।

    यानी कागजों पर बिक्री और कर भुगतान का खेल चलता रहा, असल माल कहीं भी काम नहीं हुआ। दिल्ली करोल बाग की एसआर ट्रेडर्स का पंजीयन 14 जनवरी 2025 में हुआ था। जनवरी से मार्च तक टर्नओवर 149.92 करोड़ रुपये होने के बाद 26.88 करोड़ रुपये बोगस आइटीसी पासआन कर दी।

    दिल्ली की इस फर्म ने सीधे उत्तर प्रदेश की 20 फर्मों को बोगस टैक्स क्रेडिट पासन किया। इसमें से 9 फर्म मुरादाबाद जोन में पंजीकृत हैं, जबकि 11 फर्म मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद तथा अन्य जिलों की हैं।

    मुरादाबाद की फर्मों में एकदम करोड़ों रुपये मिलने पर हुआ शक

    राज्यकर संभाग बी के संयुक्त आयुक्त (कार्यपालक) शैलेंद्र कुमार उपाध्याय के अनुसार, जब मुरादाबाद राज्यकर विभाग की एसआइबी और एसआइटी ने नियमित डेटा विश्लेषण किया तो पाया कि अचानक कुछ फर्मों के खातों में करोड़ों का आइटीसी दिखाई देने लगा, जबकि फर्मों के गोदाम नहीं मिले। ट्रांसपोर्टेशन ई-वेबिल नहीं हैं और खरीद का कोई रिकार्ड भी नहीं है। पोर्टल पर माल की आवाजाही का कोई सबूत नहीं मिला है। यह सब चीजें जांच का आधार बनीं और मामला बड़ा होते-होते अंतरराज्यीय टैक्स चोरी के नेटवर्क तक जा पहुंचा है।

    खरीद नहीं, फिर बिक्री कैसे

    जांचकर्ताओं के अनुसार यह फर्जी नेटवर्क एक ही पैटर्न पर काम करता है। फर्जी फर्म का पंजीयन और सिस्टम में असली व्यापारी के रूप में दिखना। बिना माल खरीदे बिलों की खरीद करके आइटीसी पैदा करना है। बोगस बिलों के सहारे आगे की बिक्री दिखाना।

    उस आइटीसी को दूसरी फर्मों तक ट्रांसफर कर देते हैं। प्राप्तकर्ता फर्म आइटीसी समायोजित कर टैक्स बचाकर सरकार को चूना लगाने का काम किया जा रहा है। बिना असली कारोबार के बिलों पर रुपये बनाने का खेल किया जा रहा है।

    भौतिक सत्यापन और खंगाला जा रहा रिकार्ड

    राज्यकर विभाग की एसआइबी ने सभी यूपी की सभी 20 फर्मों से दस्तावेज पोर्टल से उठाने शुरू कर दिए हैं। केरल और दिल्ली की दोनों फर्मों के संचालकों की पहचान की जा रही है। इसके तहत मोबाइल लोकेशन, बैंक लेन-देन, जीएसटीएन लागिन आइपी एड्रेस, ई-वेबिल रिकार्ड आदि खंगाला जा रहा है।

    फर्जी व्यापार में कागजी डमी संचालक और असल लाभार्थी दोनों को चिह्नित किया जाएगा। साथ ही साथ सेंट्रल जीएसटी अधिकारियों को भी भौतिक सत्यापन के लिए पत्र लिखा जा रहा है।

    मामला गंभीर प्रकृति का है। 27 करोड़ से अधिक का फर्जी आइटीसी पास आन किया गया है। खरीद का कोई वास्तविक रिकार्ड नहीं है। विभाग इस चेन की एक-एक कड़ी जोड़ रहा है। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
    अशोक कुमार सिंह, अपर आयुक्त ग्रेड-वन, राज्यकर मुरादाबाद जोन