सिर्फ 2 फोन और 2 ईमेल से खड़ा किया फर्जी GST साम्राज्य, कई राज्यों में फैला 'टैक्स चोरों' का जाल
एक गिरोह ने सिर्फ दो फोन और दो ईमेल का उपयोग करके फर्जी GST साम्राज्य बनाया। उन्होंने कई राज्यों में टैक्स चोरों का जाल फैलाया, जिससे सरकार को भारी नु ...और पढ़ें
-1764524567001.webp)
प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जीएसटी चोरी प्रकरण में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आने से राज्यकर विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। अब तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार 5478.35 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 989.13 करोड़ की टैक्स चोरी की पुष्टि हो चुकी है। जांच की गहराई बढ़ने पर यह रकम 1,100 करोड़ के पार जाने का अनुमान है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार पूरे नेटवर्क को महज दो मोबाइल नंबर और दो ई-मेल आइडी के आधार पर खड़ा किया था, जिनका इस्तेमाल सैकड़ों फर्जी फर्म पंजीकृत कराने में किया गया। राज्यकर विभाग की एसआइबी और एसआइटी की संयुक्त टीम अब तक 535 फर्मों की पुष्टि कर चुकी है।
इनमें से 335 फर्मों का टर्नओवर और टैक्स चोरी का विवरण सामने आ चुका है, जबकि लगभग 200 फर्मों की जांच अभी जारी है। दिलचस्प बात यह है कि 335 फर्मों में 198 फर्में सेंट्रल जीएसटी और 147 फर्में स्टेट जीएसटी में दर्ज थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि ज्यादातर फर्जी फर्म ऐसे लोगों के नाम पर थीं जिन्हें अपने नाम पर जीएसटी पंजीकरण होने की जानकारी तक नहीं थी।
फर्जी फर्मों के संचालकों ने पोर्टल की खामियों का फायदा उठाया और एक ही मोबाइल नंबर तथा एक ही ई-मेल से दर्जनों कंपनियां खड़ी कर दीं। इन फर्मों के जरिए करोड़ों रुपये का आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) पास किया गया, जिससे असली कारोबारियों ने टैक्स देने से बचने के लिए इसका फायदा उठाया।
जांच अधिकारियों के अनुसार, नेटवर्क के पीछे संगठित गिरोह काम कर रहा है, जिसकी पहुंच कई राज्यों तक फैली है। राज्यकर विभाग ने कई स्थानों पर छापामारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। वहीं कई संदिग्ध संचालक फरार बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां ई-मेल और मोबाइल नंबरों की कड़ी से बड़े खिलाड़ियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
फर्जी फर्मों का सिंडिकेट बेनकाब होने के बाद टैक्स चोरी का वास्तविक आंकड़ा और बढ़ सकता है। राज्यकर विभाग ने पोर्टल की सुरक्षा खामियों की समीक्षा करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। फर्मों का सत्यापन भी कराया जा रहा है।
- अशोक कुमार सिंह, अपर आयुक्त ग्रेड-वन राज्यकर
यह भी पढ़ें- मुरादाबाद : लकड़ी की आपूर्ति के नाम पर करोड़ों का GST फ्रॉड, जरा ट्रेडर्स के मालिक एतेहशाम निकला मास्टरमाइंड

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।