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    'मुर्दे' ने की थी जमानत!... अब फर्जीवाड़े में फंसे नीरज बाबा व अधिवक्ता, यूं हुआ मामले का राजफाश

    By Vashu Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 08:03 PM (IST)

    एक सनसनीखेज मामले में नीरज बाबा और एक वकील एक मृत व्यक्ति को जमानतदार के रूप में पेश करने के कारण धोखाधड़ी के आरोप में फंस गए हैं। अदालत द्वारा दस्ताव ...और पढ़ें

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    नीरज बाबा की जमानत में मुर्दे व्यक्ति के फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। (प्रतीकात्मक फोटो)

    संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। गैंग्स्टर एक्ट में निरुद्ध मेरठ के कुख्यात नीरज बाबा की जमानत में मुर्दे व्यक्ति के फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने के मामले में थाना सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज किया गया। एसपी सिटी सत्यनारायण की जांच के यह चौकाने वाले राजफाश हुआ था। अब थाना सिविल लाइंस में खतौली थाने के प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र बघेल ने एफआईआर दर्ज कराते हुए नीरज बाबा उर्फ चीता उर्फ पंडित और अधिवक्ता योगेंद्र कुमार के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाए है।

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    खतौली प्रभारी निरीक्षक दिनेश चंद्र बघेल ने दर्ज कराई एफआईआर में बताया कि आरोपित नीरज बाबा ने जमानत लेते समय जिस जमानतदार प्रताप सिंह का नाम दिया था, उसकी मौत वर्ष 2008 में ही हो चुकी थी। दूसरा जमानतदार विलखराम भी बताए गए पते पर नहीं मिला। नगर पंचायत हस्तिनापुर ने स्पष्ट लिखा कि वहां गगन विहार नाम की कोई बस्ती नहीं है। साथ ही पता चला कि जमानत के लिए लगाए गए दस्तावेजों, मुहर और हस्ताक्षरों में भी कई अनियमितताएं हैं।

    मुहर और प्रपत्र भी फर्जी पाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिवक्ता योगेंद्र कुमार ने आरोपित नीरज के साथ मिलकर फर्जी कागजात तैयार कर सात अक्टूबर 2022 को अदालत में जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी। न्यायालय ने इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर आरोपित को जमानत दी थी, जबकि जमानतदारों के नाम पर किसी अन्य व्यक्तियों को खड़ा किया गया था। न्यायालय ने संदेह के बाद पुलिस को जमानतदारों के सत्यापन का आदेश दिया था। मामला गंभीर होने के चलते इसकी जांच खुद एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने की थी।

    एसपी सिटी ने हस्तिनापुर थाने के पुराने जमानत सत्यापन रिकार्ड को खंगाला तो जांच में सामने आया कि जमानतदारों द्वारा दर्ज पता फर्जी था। मौके पर दोनों में से एक भी व्यक्ति नहीं मिला। जब वह वास्तविक लोगों तक पहुंचे तो हकीकत सामने आ गई थी।