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    आतंकियों के मदरसा कनेक्शन पर यूपी के राज्यमंत्री ने उठाई मांग, कहा-असली चेहरे बेनकाब होने चाहिए

    By Anand Prakash Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 01:09 PM (IST)

    दिल्ली के लाल किले पर हुए विस्फोट के बाद कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने संदिग्ध मदरसों की गहन जांच की मांग की है। गुजरात एटीएस द्वारा आतंकियों की गिरफ्तारी और मदरसे कनेक्शन के खुलासे के बाद, उन्होंने कहा कि धार्मिक शिक्षा के नाम पर आतंकवाद फैलाने वालों को बेनकाब करना ज़रूरी है। उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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    कपिल देव अग्रवाल, कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। दिल्ली में लाल किले के सामने विस्फोट ने देशवासियों को झकझोर दिया है। उच्च स्तरीय जांच चल रही है। इसी बीच गुजरात एटीएस द्वारा तीन आतंकियों की गिरफ्तारी और उनमें से दो का मदरसे से कनेक्शन उजागर होने पर कौशल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने ऐसे सभी मदरसों की गहन जांच कराने की मांग उठाई है, जहां संदिग्ध गतिविधियां संचालित होती हैं।

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    मीडियाकर्मियों से बातचीत में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में हुई आतंकी घटना देश की एकता और शांति पर हमला है। कहा कि जो लोग दीनी तालीम के नाम पर बच्चों को आतंकवाद की ओर उकसा रहे हैं, उनके असली चेहरे अब बेनकाब होने चाहिए। प्रदेश के सभी मदरसों की गहन जांच की जानी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं भी आतंकवाद या कट्टरपंथ को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।

    मदरसे में पुलिस ने की छानबीन, मौलाना से ली जानकारी
    संवाद सूत्र, जागरण, बुढ़ाना (मुजफ्फरनगर)। गुजरात एटीएस द्वारा अहमदाबाद में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहेल के बुढ़ाना स्थित दाऊद मदरसे से जुड़ाव के बाद पुलिस ने मंगलवार को मदरसे पर छानबीन तेज कर दी। कोतवाली बुढ़ाना की टीम ने मदरसे में पहुंचकर मामले की पूरी जानकारी ली और दोनों छात्रों के बारे में विस्तृत पूछताछ की। इंस्पेक्टर सुभाष अत्री ने मदरसे के संचालक मौलाना दाऊद से लंबी बातचीत की, जिसमें मदरसे की गतिविधियों और छात्रों की पृष्ठभूमि के बारे में पूछा।

    मौलाना दाऊद ने उन्हें बताया कि दाऊद मदरसा कुरान शरीफ की तालीम पर केंद्रित संस्थान है, यहां छात्रों को धार्मिक शिक्षा दी जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां कोई संदिग्ध या उग्रवादी गतिविधियां नहीं चल रही हैं। हमारा फोकस सिर्फ कुरान की तालीम और नैतिक शिक्षा पर है। बताया कि आजाद सुलेमान शेख वर्ष 2018-19 में यहां पढ़ा था, जबकि सुहेल तीन महीने पहले हाफिज की तालीम के लिए आया था। गत पांच नवंबर को ही

    सुहेल पिता की बीमारी के बारे में बताकर छुट्टी लेकर गया था। मौलाना दाऊद ने बताया कि मदरसे में वर्तमान में करीब 200 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें स्थानीय और पड़ोसी जिलों जैसे शामली, सहारनपुर व लखीमपुर खीरी से आए छात्र शामिल हैं। पढ़ाई सुबह से शाम तक चार शिफ्टों में कराई जाती है। इंस्पेक्टर सुभाष अत्री ने मौलाना दाऊद से छात्रों के दाखिले, पहचान सत्यापन और सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मदरसे से कोई असामान्य बात सामने नहीं आई, लेकिन पुलिस ने पंजीकरण रजिस्टर और छात्रों के दस्तावेजों की जांच जारी रखी है। स्थानीय पुलिस की नजर मदरसे पर रहेगी।

    बता दें कि गुजरात एटीएस ने गत नौ नवंबर को अहमदाबाद के अडालज टोल प्लाजा के पास आजाद निवासी झिंझाना जिला शामली, सुहेल निवासी लखीमपुर खीरी तथा डा. अहमद मोहिउद्दीन सैयद को हथियारों के साथ पकड़ा था। इनके पास से दो ग्लाक पिस्टल, एक बेरेटा पिस्टल, 30 कारतूस और चार लीटर कैस्टर आयल बरामद हुआ था। एटीएस ने राजफाश किया था कि आरोपितों द्वारा देश में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की साजिश की जा रही थी।

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