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    नोएडा बाढ़ पीड़ितों को राहत, किसानों के खातों में जमा हुआ लाखों रुपये का मुआवजा

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:24 AM (IST)

    अगस्त-सितंबर में हथिनी कुंड बैराज से यमुना में पानी छोड़े जाने से जेवर के किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। प्रशासन ने नुकसान का आकलन कर 383 किसानों को पात्र पाया, जिनमें से 326 के खातों में 22 लाख 58 हजार रुपये की राहत राशि भेजी गई है। अभी 57 किसानों को दस्तावेज संबंधी त्रुटियों के कारण भुगतान नहीं हो पाया है।

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    प्रशासन ने नुकसान का आकलन कर 383 किसानों को पात्र पाया, जिनमें से 326 के खातों में 22 लाख 58 हजार रुपये की राहत राशि भेजी गई है।

    जागरण संवाददाता, जेवर। हथिनी कुंड बैराज से अगस्त और सितंबर में यमुना नदी में छोड़े गए पानी के कारण जेवर के दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ। लगातार छोड़े जा रहे पानी में धान, सब्जियां और अन्य फसलें जलमग्न होकर नष्ट हो गईं।

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    प्रशासन ने किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए सर्वेक्षण कराया और उन्हें राहत अनुदान देने का आश्वासन दिया। सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, प्रशासन ने फसल नुकसान के लिए पात्र 383 किसानों की पहचान की और उनका बैंक विवरण सहित पूरा डेटा पोर्टल पर अपलोड किया। इसके बाद, 326 किसानों के बैंक खातों में राहत अनुदान राशि हस्तांतरित कर दी गई है।

    यमुना की बाढ़ ने तकीपुर बांगर और खादर, कनीगढ़ी, करौली खादर, गोविंदगढ़, सिरसा, झुप्पा, सिरौली खादर, अमरपुर पलाका, शमशामनगर, मेहंदीपुर खादर, रनहेरा और सबौता के 383 किसानों की फसलों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया और जेवर में भारी बारिश हुई।

    प्रशासन ने जब इन गांवों में बाढ़ और बारिश से फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया तो पता चला कि 146.97 हेक्टेयर फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसान लगातार प्रशासन से फसलों के नुकसान का मुआवजा देने की मांग भी कर रहे थे।

    किसानों की मांग को देखते हुए प्रशासन ने 326 किसानों के बैंक खातों में अनुदान के रूप में 22 लाख 58 हजार रुपये की राशि भेज दी है। अब केवल 57 किसान ही बचे हैं जिनके दस्तावेजों या बैंक डिटेल में कुछ गड़बड़ी थी। इन्हें जल्द ही ठीक करवाकर सभी किसानों को फसलों में हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से राहत राशि भेजी जाएगी।