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नोएडा के फ्लैट खरीदारों को करना पड़ेगा लंबा इंतजार, सुपरटेक ने बताया अपना प्लान

सुपरटेक और एनबीसीसी के बीच चल रही कानूनी लड़ाई में नोएडा के हजारों फ्लैट खरीदारों का भविष्य अधर में लटक गया है। एनबीसीसी ने सुपरटेक की अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का प्रस्ताव दिया है लेकिन स्टेकहोल्डर्स का कहना है कि यह प्रस्ताव उनके हित में नहीं है। जानिए इस पूरे मामले की ताजा जानकारी और सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा का क्या कहना है।

By Kundan Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Mon, 30 Sep 2024 01:39 PM (IST)
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सुपरटेक ने कहा- होम बॉयर्स हमारे साथ, एनबीसीसी पर भरोसा नहीं। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नोएडा। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में सुपरटेक ने कहा है कि अभी जो परियोजनाएं अधूरी हैं उसका मुख्य कारण पैसे की कमी है, लेकिन नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि सुपरटेक तकनीकी कमियों के कारण परियोजना पूरा नहीं कर पा रहा है जो कि सरासर गलत है।

80 हजार लोगों को मिल चुका आशियाना

सुपरटेक ने अभी तक 12 परियोजनाओं को पूरा किया है, जिसमें 80000 हजार होम बॉयर्स को उनका आशियाना डिलीवर कर चुका है। जहां आज तक निर्माण संबंधी कोई शिकायत नहीं है। बाकी परियोजनाओं को भी जल्द पूरा कर दूंगा। कंपनी के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने बताया कि एनबीसीसी जो प्रस्ताव देगी उसे शुरू करने में कम से कम 6 से 12 माह का समय लगेगा।

सारी परियोजनाओं पर एक साथ नहीं शुरू होगा काम 

सारी परियोजनाओं पर एक साथ काम शुरू नहीं करेगी, जिसके कारण फेज 2 और फेज 3 वाले होम बॉयर्स को लंबा इंतजार करना पड़ेगा। एनबीसीसी ने लैंड अथॉरिटी और बैंक के बकाया राशि चुकाने का कोई समय अवधि निर्धारित नहीं किया है। एनबीसीसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए किसी तरह की उत्तरदायित्व नहीं ले रही है। एनबीसीसी का यह प्रस्ताव उसी तरह का है जो उसने आम्रपाली प्रोजेक्ट में दिया था जो बिलकुल भी सफल नहीं है।

सुपरटेक ने प्रोजेक्ट पूरा करने को दिए लगभग 5192 करोड़ 

एनबीसीसी के प्रस्ताव में कंस्ट्रक्शन कास्ट काफी ज्यादा है। सुपरटेक ने पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अनुमानित राशि लगभग 5192 करोड़ दी है। दूसरी ओर एनबीसीसी ने कंस्ट्रशन की अनुमानित राशि 9478 करोड़ दी है जो जीएसटी मिलाकर 10378 करोड़ हो जाती है। यह राशि सुपरटेक प्रस्ताव के मुकाबले लगभग दोगुनी है, इसका सीधा प्रभाव स्टेक होल्डर पर पड़ेगा।

19 सितंबर को हुई थी मामले की सुनवाई

बता दें कि कि 19 सितंबर को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में सुपरटेक कंपनी और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) की सुनवाई हुई थी। जिसमें एनबीसीसी ने सुपरटेक के परियोजनाओं को पूरा करने का प्रस्ताव दिया था। इस मामले में स्टेक होल्डर मसलन बैंक, अथॉरिटी और होम बॉयर्स ने एनबीसीसी के प्रस्ताव का विरोध किया था।

सुपरटेक को मिली दून स्क्वायर पूरा करने की अनुमति

इसे देखते हुए एनसीएलएटी ने सारे स्टेक होल्डर को एनबीसीसी के प्रस्ताव के विरोध का लिखित में जवाब दायर करने को कहा था। आईआरपी इस मामले में सारे स्टेकहोल्डर का जवाब लेकर एनसीएलएटी की अगली सुनवाई में प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा एनसीएलएटी ने 25 सितंबर को सुपरटेक को दून स्क्वायर पूरा करने की अनुमति दे दी।

दून सक्वायर प्रोजेक्ट को बैंक ऑफ बड़ौदा और होम बॉयर्स की सहमति मिल चुकी थी, जिसे एनसीएलएटी से स्वीकार कर लिया था। इस मामले पर सुपरटेक चेयरमैन आरके अरोड़ा ने बताया की एनसीएलएटी का दून स्क्वायर को पूरा करने देने का ऑर्डर इस बात की ओर इशारा करता है कि ज्यादातर होम बॉयर्स सुपरटेक के साथ हैं।

उन्होंने कहा कि अथॉरिटी, बैंक और ज्यादातर होम बॉयर्स ने एनबीसीसी के प्रस्ताव का विरोध किया है, जिसे आईआरपी लिखित रूप में ले रही है और उसे एनसीएलएटी में जमा करेगी। एनबीसीसी के प्रस्ताव को लेकर सारे स्टेक होल्डर में संशय की स्थिति होने के कई कारण हैं।

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