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    मजाक-मजाक में सिक्के, चुंबक और पिन निगलने से फंस रही बच्चों की 'जान', डॉक्टरों ने पैरेंट्स से की सावधानी बरतने की अपील

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Wed, 18 Jun 2025 10:50 AM (IST)

    नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में पिछले छह महीनों में 35 ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें बच्चों ने खेल-खेल में सिक्के चुंबक बटन और बैटरी जैसी चीजें निगल लीं। डॉक्टरों का कहना है कि सिक्के तो पेट से निकल जाते हैं लेकिन बैटरी खतरनाक हो सकती है। अभिभावकों को बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखने की सलाह दी गई है और जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।

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    नोएडा सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई। फोटो- जागरण आर्काइव

    सुमित शिशोदिया, नोएडा। गाजियाबाद निवासी बाबू की पत्नी को नौ साल बाद 2021 में बेटा हुआ। दोनों अपने इकलौते बेटे से बहुत प्यार करते हैं। उसे बुरी नजर से बचाने के लिए गले में चांदी का लाकेट भी बांध दिया। पिछले दिनों बच्चे ने खेल-खेल में धागा चबाकर चांदी का लाकेट निगल लिया तो दोनों के होश उड़ गए। बच्चा दर्द से करहाते हुए रोता रहा। दोनों बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे।

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    डॉक्टर ने एक्सरे के बाद सर्जरी कर बच्चे के पेट से लाकेट निकाला। दरअसल, लाकेट निगलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआई में छह माह में नौनिहालों द्वारा खेल-खेल में मजाक के दौरान सिक्के, चुंबक, बटन, बालों की नुकीली पिन और बैटरी निगलने के 35 मामले आए हैं।

    ओपीडी में हर महीने पहुंच रहे 15 से 20 मामले

    अमूमन, अभिभावक छोटे बच्चों को खेलने के लिए लोहे की पिन, बटन या अन्य नुकीली चीज से जुड़े खिलौने देते हैं। बच्चे भी माता-पिता की अनदेखी पर मजाक-मजाक में इन चीजों को मुंह में डालकर निगल जाते हैं।

    पीडियाट्रिक एंड गैस्टोएंट्रोलाजिस्ट विभाग के डॉ. उमेश कुमार शुक्ला ने बताया कि बीते छह माह में 35 मामले सामने आए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा एक या दो के सिक्के निगलने के हैं जबकि चुंबक, पत्थर, बैटरी के 18 मामले हैं।

    ओपीडी में हर महीने 15 से 20 मामले उनके पास पहुंचते हैं। इनमें से 35 बच्चों की सर्जिकल तरीके से इन वस्तुओं को निकाला गया। उनके मुताबिक, कुछ चीजे बच्चों के लिए नुकसानदायक नहीं होती हैं।

    सिक्का पेट में पहुंचने पर वह अभिभावकों को कुछ दिन में नीचे की नली से स्वत: ही बाहर निकलने के लिए कहते हैं। मगर लिथियम बैटरी में कैमिकल और अन्य रसायनिक कैमिकल होते हैं, जिनके पेट में फटने का खतरा रहता है। अभिभावकों के लिए चाइल्ड पीजीआई में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया गया है।

    अभिभावकों दें विशेष ध्यान

    • छोटे बच्चों को खेलने के लिए सिक्का न दें।
    • बच्चे को बैटरी या कुछ भी चीज निगलने पर उसे उलटा करके पीठ पर बिल्कुल भी न थपथपाएं। उससे सांस रूकने का खतरा रहता है।
    • बच्चों के खेल के दौरान उसकी गतिविधि पर नजर रखें।
    • बच्चे के खेल वाले स्थान से बटन, बालों की पिन, सिक्कस या अन्य जानलेवा चीजें दूर रखें।
    • एलइडी, टीवी या एसी आदि के रिमोट से बच्चों को दूर रखें।
    • बच्चों के कुछ भी निगलने पर उन्हें खाने-पीने की चीजें बिल्कुल न दें। उससे सर्जिकल काम में दिक्कत होती है।